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तपस्या के बराबर फल देता है इस दिन जल का दान

हिन्दू धर्म में गंगा दशहरा का विशेष महत्व है। मां गंगा को समर्पित यह त्योहार ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। मान्यता है कि इसी दिन मां गंगा का पृथ्वी पर अवतरण हुआ था।

हिन्दू धर्म में गंगा दशहरा का विशेष महत्व है। मां गंगा को समर्पित यह त्योहार ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। मान्यता है कि इसी दिन मां गंगा का पृथ्वी पर अवतरण हुआ था। गंगा दशहरा के दिन गंगा जी में स्नान करने और दान पुण्य करने से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। गंगा दशहरा के दिन मंदिर में जाकर शिवलिंग को गंगा जल से स्नान कराएं। माना जाता है कि इस दिन जल का दान करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है। 

मां गंगा भवतारिणी हैं। गंगा दशहरा का दिन पावन माना जाता है। इस दिन मां गंगा के लिए व्रत भी रखना चाहिए। गंगाजल को बहुत पवित्र और पूजनीय माना गया है। किसी भी शुभ कार्य और पूजा अनुष्ठान में गंगाजल का प्रयोग अवश्य किया जाता है। गंगा दशहरा के दिन जल दान का विशेष महत्व है। गंगा दशहरा के दिन श्री सत्‍यनारायण की कथा सुनना या पढ़ना बेहद शुभ माना जाता है। इस शुभ दिन पर गंगा नदी में स्नान कर गंगा मां से प्रार्थना करें कि परिवार को सेहतमंद रखें। इस दिन जल, अन्न, फल, वस्त्र, पूजन व सुहाग सामग्री, नमक, तेल, गुड़ और स्वर्ण दान करने का विशेष महत्व है। गंगा दशहरा के दिन किसी प्यासे को पानी पिलाने से कई तपस्या के बराबर फल मिलता है। गंगा पूजन करने से मांगलिक दोष, कर्ज से छुटकारा मिलता है। कार्यक्षेत्र में बाधा आ रही है तो गंगा दशहरा के दिन मिट्टी के घड़े में जल डालें और उसमें चीनी और पानी मिलाकर रखें और उसमें गंगा जल की कुछ बूंदें डालें। घड़े को पानी समेत दान कर दें। घर में इस दिन गंगाजल का छिड़काव करें। ऐसा करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। 

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