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स्लोगन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमे छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया

आगरा। विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस हर साल 10 सितंबर को मनाया जाता है, जिसका मुख्य उद्देश्य आत्महत्मा से संबंधित मुद्दों के प्रति जागरूकता बढ़ाना और इस गंभीर सामाजिक समस्या को रोकने के उपायों को प्रोत्साहित करना है। यह दिन पहली बार 2003 में अंतर्राष्ट्रीय आत्महत्या रोकथाम संघ द्वारा स्थापित किया गया था और अब यह विश्वभर में मनाया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हर साल 7 लाख से भी ज्यादा लोगों की मृत्यु आत्महत्या के कारण होती है जो कि हर 40 सेकंड में एक व्यक्ति है। 15 से 29 वर्ष आयु वर्ग के बीच यह चौथी सबसे बड़ी मृत्यु का कारण है। इस वर्ष की थीम “चेंजिंग द नैरेटिव आन सुसाइड” है जिसका अर्थ है “आत्महत्या के बारे में बातचीत को बदलना” यह थीम लोगों को आत्महत्या और मानसिक स्वास्थ्य पर खुलकर चर्चा करने के लिए प्रेरित करती है । इस उपलक्ष्य में सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज आगरा के प्रधानाचार्य डॉ प्रशांत गुप्ता की मार्गदर्शन में मानसिक रोग विभाग द्वारा दिनांक 12/09/24 को एक स्लोगन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें एम.बी.बी.एस. के छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। प्रतियोगिता शुरू होने से पहले विभागाध्यक्ष डॉ विशाल सिन्हा ने छात्रों को आत्महत्या के कारणों एवं आत्महत्मा होने से पहले के लक्षणों के बारे में भी बताया। प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार श्रेयांश द्वितीय पुरस्कार दिव्यांशी और प्रियांशी एवं तृतीय पुरस्कार नितेश और विशेष को प्राप्त हुआ।
इस प्रतियोगिता के दौरान लगभग 120 स्लोगन छात्रों द्वारा बनाया गया जिसमें विभिन्न प्रकार की जानकारियां थी जैसे की “आपकी ज़िंदगी की कीमत है, इसे कभी मत छोड़ें।” “हर समस्या का समाधान है, बस उम्मीद मत छोड़ें।” “आप अकेले नहीं हैं, हम आपके साथ हैं।” “मदद मांगना कमजोरी नहीं, बल्कि ताकत है” “जीवन की कठिनाइयों से हार मत मानो।” “आपकी ज़िंदगी महत्वपूर्ण है, इसे जीने का मौका दें” इत्यादि। प्रतियोगिता के दौरान विभागाध्यक्ष डॉ विशाल सिन्हा, डॉ काश्यपी गर्ग, निर्णायक के रूप में डॉक्टर टी पी सिंह, डॉक्टर रेनू अग्रवाल एवं डॉक्टर दिव्या श्रीवास्सव, जूनियर रेजिडेंट डॉ रघुवीर, डॉ दिलीप, डॉ विदुषी, डॉ राहुल, डॉ नियति, डॉ निधि, डॉ प्रियंका, डॉ अंकुर, नॉन पीजी रेजिडेंट डॉक्टर एवं लगभग 120 छात्रों ने भाग लिया और इस कार्यक्रम को सफल बनाने में मदद की।

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