आगराउत्तर प्रदेश

व्यक्ति के लापता होने से पूर्व ही लिखा दी गई गुमशुदगी की रिपोर्ट

षड्यंत्र या पूर्व आभास

आगरा। दयाशंकर पुत्र स्वर्गीय अमर सिंह निवासी गेंदा नगर मुंबई बाजार बोदला थाना जगदीशपुर आगरा के अंतर्गत गुमशुदगी का एक मामला सामने आया हर रोज की तरह दिनांक 28/08/24 को दयाशंकर अपने घर बोदला से सुबह 10:00 बजे कम पर गया परंतु वह आज तक अपने घर वापस नहीं आ सका है। गुमशुदा व्यक्ति दयाशंकर की मां पूरन देवी द्वारा बताया गया की दया शंकर को हर जगह तलाश किया गया परंतु उसका कोई पता नहीं चल सका, जब पूरन देवी अपना प्रार्थना पत्र लेकर थाना जगदीशपुर पहुंची तो थाने में उसका प्रार्थना पत्र स्वीकार नहीं किया गया तत्पश्चात मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई गई।(सं. 40014624038094) पोर्टल पर शिकायत के उपरांत संबंधित अधिकारी द्वारा आख्या दी गई की दया शंकर की गुमशुदगी की रिपोर्ट दिनांक 05/07/24 को समय 22.27 बजे जी.डी 67 पर थाना एत्मादपुर में पंजीकृत है। यानी दयाशंकर की गुमशुदगी की रिपोर्ट 55 दिन पूर्व ही पंजीकृत कर दी जाती है वह भी किसी अज्ञात द्वारा जब की गुमशुदा व्यक्ति का थाना एत्मादपुर से कोई लेना देना तक नहीं है वह व्यक्ति के थाना क्षेत्र में आता ही नहीं है। गुमशुदा व्यक्ति दयाशंकर की ससुराल भी धनौली है जो कि थाना मालपुरा के अंतर्गत आता है। 55 दिनों पूर्व आखिर किस प्रकार गुमशुदा व्यक्ति की रिपोर्ट पंजीकृत कराई जा सकती है। पूर्णतः किसी षड्यंत्र की महक आ रही है, हो सकता है दयाशंकर की जान खतरे में हो या किसी अनहोनी का भी संकेत हो, परंतु पुलिस का ढीला रवैया यही बयां कर रहा है कि पुलिस को किसी अनहोनी का इंतजार है। जब पीड़ित मां द्वारा एत्मादपुर थाने में जाकर व्यक्ति कि पूर्व में दर्ज कराई गई रिपोर्ट के विषय में पूछा गया तो थाना प्रभारी अंकित कटिहार ने यह कह कर टाल दिया कि यह हमारे संज्ञान में नहीं है और ना ही हमारे द्वारा दर्ज की गई है, आप किसी फर्जी तरीके से इस रिपोर्ट को ले आए हैं जबकि रिपोर्ट ऑनलाइन दर्ज है। साफ नजर आता है कि पुलिस अपना पूरी तरीके से पल्ला झाड़ने में लगी हुई है। जब दयाशंकर की मां और उनके कुछ रिश्तेदार आगरा पुलिस आयुक्त के पास इस शिकायत को लेकर पहुंचे तो वहां से भी उन्हें कोई संतुष्टि पूर्ण जवाब नहीं मिला।

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