कौन है पदम श्री प्रोफेसर उषा यादव

समकालीन हिंदी साहित्य की प्रसिद्ध लेखिका हैं। वे केन्द्रीय हिंदी संस्थान आगरा, डॉ॰ भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी हिंदी विद्यापीठ में भी प्राध्यापन कार्य कर चुकी हैं। वे साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था इन्द्रधनुष की अध्यक्ष एवं प्राच्य शोध संस्थान की सचिव भी हैं। उन्हें उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान लखनऊ से बाल साहित्य का सर्वोच्च सम्मान बालसाहित्य भारती तथा विश्वविद्यालय स्तरीय सम्मान भी प्राप्त हुआ। मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी ने उनके उपन्यास काहे री नलिनी को अखिल भारतीय वीरसिंह देव पुरस्कार प्रदान किया।
रचनाएं
पुरस्कार/ सम्मान
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1. उपन्यास “उसके हिस्से की धूप” – महात्मा गांधी द्विवार्षिक हिंदी लेखन पुरस्कार- राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (2018) द्वारा 2014-15 के लिए प्रथम पुरस्कार
2. पुस्तक “किले का रहस्य” – भारतेंदु हरिश्चंद्र पुरस्कार- भारत सरकार द्वारा प्रथम पुरस्कार (2003)
3. पुस्तक “काहे री नलिनी” – अखिल भारतीय वीर सिंह देव प्रथम पुरस्कार- 2008 के लिए, मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी, भोपाल (2011)
4. बाल साहित्य भारती पुरस्कार – उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा (1998)
5. “पारस पत्थर”- चिल्ड्रन बुक ट्रस्ट दिल्ली द्वारा आयोजित अखिल भारतीय बाल साहित्य प्रतियोगिता में पुरस्कृत (1987)
6. “लाखों में एक”- उत्तर प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 1994 में पुरस्कृत, शकुंतला सिरोठिया बाल साहित्य पुरस्कार से 1997 में पुरस्कृत
7. अखिल भारतीय महिला परिषद आगरा द्वारा साहित्यिक सेवाओं के लिए “नारी भूषण” उपाधि से विभूषित
8. बाल कल्याण के लिए समर्पित साहित्यिक सेवाओं हेतु ‘नागरी बाल साहित्य संस्थान’ बलिया द्वारा वर्ष 1998 में सम्मानित
9. पंडित हर प्रसाद पाठक स्मृति बाल साहित्य पुरस्कार 2001 में
10. नागरी प्रचारिणी सभा आगरा द्वारा हिंदी गौरव सम्मान 2010
11. मीरा फाउंडेशन इलाहाबाद द्वारा मीरा स्मृति सम्मान वर्ष 2011
12. डॉक्टर प्रतीक मिश्र स्मृति शोध संस्थान कानपुर द्वारा सम्मानित वर्ष 2013
13. बाल कल्याण एवं बाल साहित्य शोध केंद्र भोपाल द्वारा सम्मानित वर्ष 2016
14. राष्ट्रीय बाल साहित्य संगोष्ठी, नैनीताल में डॉ राष्ट्रबंधु बाल साहित्य सम्मान 2019
15. पद्मश्री सम्मान-2021 (साहित्य) [1]
सामाजिक-सांस्कृतिक कार्यक्षेत्र 1. साहित्यिक सांस्कृतिक संस्था ‘इन्द्रधनुष’ की अध्यक्ष
2. ‘प्राच्य शोधसंस्थान, आगरा’ की सचिव
3. ‘महिला भ्रूण एवं नवजात शिशु संरक्षण संस्थान’ की सदस्य
4. केन्द्रीय हिन्दी संस्थान आगरा के प्रकाशन ‘संस्थान समाचार’ का वर्ष 2001-02 में सम्पादन
5. आराधना महिला लेखन मंच, आगरा की संरक्षक
6. साहित्य साधिका समिति, आगरा की संरक्षक
पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशन 1. वागर्थ, कादम्बिनी, नवनीत, आजकल, हंस, अक्षरा, साक्षात्कार, साहित्य- अमृत, प्रगतिशीलआकल्प, सृजन मूल्यांकन, कथाक्रम, अर्यसन्देश, वंशिका, प्रेरणा, सेतु, अक्षरशिल्पी, युगगरिमा, मधुमती, वीणा, हरिगंधा, शीतलवाणी, गवेषणा, साहित्य-भारती, मड़ई, संस्मृति, अनौपचारिका, सचेतक, सेवासंदेश, इन्द्रप्रस्थ-भारती, हिन्दुस्तानी, समकालीन भारतीय साहित्य, सरिता, पराग नन्दन, बालवाणी, बाल-वाटिका, बालभारती, बालहंस, बाल-साहित्य समीक्षा, सुमनसौरभ, देवपुत्र, साक्षरतासंवाद, अभिनव-बालमन, बच्चों का देश, बाल-प्रहरी, हम सबला, जगमग दीपज्योति, वर्तमानसाहित्य, अभिनव-प्रसंगवश और स्नेह आदि पत्र-पत्रिकाओं में पांच सौ से अधिक रचनाएँ प्रकाशित।
2. आकाशवाणी के आगरा, मथुरा एवं लखनऊ केन्द्रों से अनेक कहानी,नाटक एवं झलकियाँ आदि प्रसारित, दूरदर्शन पर भी प्रस्तुति
अन्य उपलब्धियाँ
बाहरी कड़ियाँ
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परिवार-आपके पति डॉ. राज किशोर सिंह यादव प्रोफेसर व उच्चतर शिक्षा आयोग के पूर्व चैयरमैन रह चुके हैं।आपके एक पुत्र आई ए एस व दूसरे पुत्र आई पी एस हैं। दामाद भी आई ए एस हैं।बहुत ही सौम्य स्वभाव की धनी मैडम की सरस्वती की कठिन साधना का प्रतिफल है।