डीप्थीरिया की रोकथाम के लिए बच्चों को लगाया गया टीडी व डीपीटी का टीका
आगरा। डिप्थीरिया आउटब्रेक की रोकथाम के लिए जनपद के उच्च जोखिम वाले ब्लॉकों और शहरी क्षेत्रों टीडी व डीपीटी का स्कूल आधारित टीकाकरण किया जा रहा है। इसी क्रम में शनिवार को स्वास्थ्य विभाग द्वारा नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हरीपर्वत पश्चिम के अंतर्गत आने वाले सिकंदरा सेक्टर-10 स्थित रागेंद्र स्वरूप पब्लिक स्कूल में टीकाकरण शिविर का आयोजन हुआ। इसमें 50 बच्चों को टीडी व डीपीटी का टीका लगाया गया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि डिप्थीरिया एक संक्रामक बीमारी है जो कोरिनेबैक्टीरियम डिप्थीरिया नामक जीवाणु के कारण होती है। यह बीमारी श्वसन तंत्र, गले, और नाक में सूजन पैदा करती है और गंभीर मामलों में हृदय और तंत्रिका तंत्र को भी प्रभावित कर सकती है। इससे बचाव के लिए टीकाकरण सबसे प्रभावी तरीका है। इसके लिए बच्चों को छह सप्ताह, 10 सप्ताह और 14 सप्ताह पर टीका लगाया जाता है।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. संजीव वर्मन ने बताया कि गले में दर्द और सूजन होना, उच्च बुखार होना, सिरदर्द व थकान होना, नाक से तरल पदार्थ का निकलना, सांस लेने में परेशानी होना डिप्थीरिया के लक्षण हैं। उन्होंने ने बताया कि टीकाकरण के बाद दिया जाने वाला कार्ड बच्चे के टीकाकरण रिकॉर्ड को दर्शाता है। यह कार्ड बच्चे के स्वास्थ्य रिकॉर्ड का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। टीकाकरण के बाद अपना कार्ड अवश्य प्राप्त करें। टीकाकरण कार्ड को सुरक्षित रखें क्योंकि कई स्कूलों में टीकाकरण कार्ड की आवश्यकता होती है ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि बच्चे को आवश्यक टीके लगाए गए हैं।
टीकाकरण के दौरान स्कूल के प्रधानाचार्य और अध्यापकों का सहयोग रहा इस मौके पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एसके राहुल, नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हरीपर्वत पश्चिम की प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. वीनम चतुर्वेदी, विश्व स्वास्थ्य संगठन की एसएमओ डॉ. महिमा चतुर्वेदी, यूनिसेफ के डीएमसी राहुल कुलश्रेष्ठ, विश्व स्वास्थ्य संगठन के मॉनिटर मनोज शर्मा, योगेंद्र दीक्षित, एएनएम वीनू व शालिनी मौजूद रहे।
टीकाकरण के फायदे
– डिप्थीरिया के खिलाफ प्रभावी सुरक्षा प्रदान करता है।
– अन्य बीमारियों जैसे टिटनेस और काली खांसी से भी बचाव करता है।
– स्कूलों में टीकाकरण अभियान चलाने से अधिक से अधिक बच्चों तक पहुंचा जा सकता है।
कैसे काम करता है टीका
– टीडी/डीपीटी टीका डिप्थीरिया, टिटनेस, और काली खांसी के खिलाफ प्रभावी होता है
– यह टीका बच्चों को 6 सप्ताह, 10 सप्ताह, और 14 सप्ताह पर दिया जाता है, इस अभियान के दौरान 5 वर्ष, 10 वर्ष, 16 वर्ष के बच्चों का टीकाकरण किया जा रहा है
– स्कूल आधारित टीकाकरण अभियान में सरकारी और निजी स्कूलों में बच्चों को टीका लगाया जाता है