आगरा। अलीगंज निवासी जगमोहन (बदला नाम) को पिछले कुछ महीनों से पेट में तकलीफ महसूस होती थी। धीरे—धीरे समस्या बढ़ी और दर्द रहने लगा। खाना खाने के बाद दर्द और बढ़ जाता था। किसी परिचित ने आगरा में आगरा गैस्ट्रो लिवर सेंटर में डॉ. दिनेश गर्ग को दिखाने की सलाह दी। डॉ. गर्ग के पास आने पर उन्होंने आवश्यक जांचें कराईं। सीटी स्कैन में पाया कि मरीज की आंतों को खून पहुंचाने वाली मुख्य नस में ब्लॉकेज है। डॉ. गर्ग ने मरीज को ह्दय रोग विशेषज्ञ डॉ. हिमांशु यादव के पास भेजा।
एंजियोग्राफी के माध्यम से डॉ. हिमांशु यादव ने पता लगाया कि आंतों की मुख्य नस जिसे सुपीरियर मजेंट्रिक आर्टरी कहा जाता है 99 फीसद तक ब्लॉक है। उपचार को आगे बढ़ाते हुए डॉ. हिमांशु ने मरीज एंजियोप्लास्टी की ओर स्टेंट डालकर नस को खोल दिया। मरीज की हालत में सुधार है और दो दिन बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी।
आगरा गैस्ट्रो लिवर सेंटर के वरिष्ठ पेट, लिवर एवं आंत रोग विशेषज्ञ डॉ. दिनेश गर्ग ने बताया कि इस तरह के मामलों में अक्सर डायग्नोज कर पाना मुश्किल हो जाता है। मरीज एक से दूसरी जगह भटकता रहता है और रोग की पहचान नहीं हो पाती। पहचान होती भी है तो बहुत देर हो चुकी होती है। मरीज ने समय से आगरा गैस्ट्रो लिवर सेंटर में संपर्क किया और हमने रोग की पहचान करने में मदद की। मरीज अब ठीक है और जल्द अस्पताल से छुट्टी भी मिल जाएगी।
वहीं डॉ. हिमांशु यादव ने कहा कि यह अति दुर्लभ मामला है। इस प्रकार की जटिल सर्जरी आगरा में नहीं हो पाती हैं मरीजों को दिल्ली रैफर कर दिया जाता है। गौरतलब है कि डॉ. हिमांशु यादव को ह्दय रोगों से संबंधित विभिन्न जटिल सर्जरी में महारथ हासिल है। वे पिछले कई वर्षों से आगरा में सेवाएं दे रहे हैं।