
लखनऊ। संविधान में संघीय व्यवस्था का प्रावधान है. जहां केंद्र और राज्य सरकार के बीच जनहित पर सहयोग की भावना होती है, वहाँ विकास का मार्ग प्रशस्त होता है. प्रजातंत्र में वैचारिक मदभेद स्वाभाविक है। लेकिन लोककल्याण के मुद्दे पर परस्पर सहमति होनी चाहिए। अन्यथा कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में उदासीनता का भाव आ जाता है। इस सोच का खामियाजा सम्बन्धित प्रदेश की जनता को होता है। उत्तर प्रदेश में विगत आठ वर्षों के दौरान केंद्र की योजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर क्रियान्वित किया गया। इसका सकरात्मक परीणाम दिख रहा है। उत्तर प्रदेश सहयोगी संघवाद के आधार पर प्रगति के मार्ग पर है।