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डॉ.पारीक की सात दिवसीय कार्यशाला में भाग लेने के लिए एकत्र हुए 10 देशों के 45 से अधिक चिकित्सक

आगरा। होम्योपैथी हमारे देश में चिकित्सा की सबसे तेजी से बढ़ती व दुनियाभर में शीर्ष मानार्थ चिकित्साओं में से एक है। जर्मनी में खोजा गया, अमेरिका में पोषित और भारत में व्यापक रूप से लोकप्रिय यह विज्ञान, पूरे यूरोप और पश्चिमी दुनिया में नए शोधों के साथ बहुत तेज गति से स्वयं को समृद्ध कर रहा है। हर साल दुनियाभर से कुछ वरिष्ठतम और अनुभवी होम्योपैथिक चिकित्सक उन्नत होम्योपैथी में डॉ.पारीक की कार्यशाला में भाग लेने के लिए आगरा में एकत्र होते हैं। यह एक विशेष प्रकार की कार्यशाला है क्योंकि इसमें लाइव केस और रोगी प्रबंधन शामिल है। इस वर्ष यह कार्यशाला 17 से 23 फरवरी तक आयोजित की जा रही है और इसमें 10 देशों – जर्मनी, ऑस्ट्रिया, इटली, रूस, कजाकिस्तान और आर्मेनिया आदि के 45 से अधिक चिकित्सक भाग ले रहे हैं। लाइव फॉलोअप केस और अपनाए जाने वाले विभिन्न दृष्टिकोणों पर चर्चा इस सेमिनार का मुख्य आकर्षण होगा।
इन विशेषज्ञों को ताज शहर में डॉ.आर.एस. पारीक, डॉ. आलोक पारीक, डॉ. आदित्य और डॉ. नितिका पारीक से सीखने के लिए जो चीज सर्वाधिक आकर्षित करती है, वह है उन्नत बीमारियों के लिए होम्योपैथी का उपयोग करने में उनका वैज्ञानिक दृष्टिकोण और सफलता और दुनियाभर में उनके लोकप्रिय सेमिनार।

आगरा में डॉ. पारीक का होम्योपैथिक केंद्र, कई ओपीडी, पुस्तकालय, सभागार और समर्पित अनुसंधान विभागों के साथ होम्योपैथिक उपचार, शिक्षण और अनुसंधान के लिए एक अत्याधुनिक संस्थान है। प्रिल्यूड पब्लिक स्कूल के निदेशक डॉ. सुशील गुप्ता व ओसवाल पब्लिकेशंस के निदेशक नरेश जैन उपस्थित रहे।

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