भगवान शिव ही सत्य, अनंत, अनादि, ओंकार शक्ति हैं : वरिष्ठ समाजसेवी राजेश खुराना
आगरा। हिंदू धर्म में हर महीने का अपना एक खास महत्व है। आगरा के लिए सावन का महीना बेहद ही खास होता है। आगरा में सावन से जुड़ी एक ऐसी परंपरा है, जिससे हर शहरवासी जुड़ता है और द्वितीय सोमवार की पूर्व रात्रि पर शहर में करीब 42 किमी की इस परिक्रमा लगाई जाती है, जिसमें लाखों शिव भक्त रातभर नंगे पैर चलकर शहर के चारों कोनों पर स्थित शिवालयों का जलाभिषेक कर पुण्य – लाभ कमाते हैं। इस दौरान पूरा शहर शिवमय होना प्रारंभ हो जाता है। वहीं, सावन के प्रत्येक सोमवार को आस्था का ज्वार उमड़ता है और भगवान शिव की भक्ति में ध्यान लगाया जाता है। धार्मिक दृष्टि से सावन का महीना बहुत शुभ और फालदायी माना जाता है। इस पूरे माह भगवान शिव शंकर की पूजा का विधान है।
सावन माह के पावन अवसर पर वरिष्ठ समाजसेवी एवं राष्ट्रवादी चिंतक राजेश खुराना ने समस्त शिव भक्तों व श्रद्धालुओं को पवित् सावन मास की हार्दिक शुभकामनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि भगवान शिव जी सत्य है, शिव अनंत है, शिव अनादि है, शिव भगवंत है, शिव ओंकार है, शिव ब्रह्म हैं, शिव शक्ति है, शिव भक्ति है। शिव की शरण में आकर मन को खुराक मिलती है। मन को शिव भक्ति में सार्थक बनाएं। मन की मानना तो सिर्फ धोखा ही है, इसलिए मन को शिव में लगाएं। क्योकि मान – अभिमान भक्ति में बांधक है, जहां अहंकार है। वहां शिव नहीं हो सकते। शिव को जीवन में स्थापित करने के लिए अपनी मैं को त्यागना पड़ता हैं। क्योंकि अहंकार वो दीमक है जो भक्ति को खा जाता है। हाथ पांव से दुनिया के सारे कामकाज करते हुए भी मन से शिव के साथ जुड़े हो। हर समय हर जगह शिव का अहसास बना रहे, शिव के प्रति ध्यान जुड़ा हो यही भक्ति है। उन्होंने कहा कि जो सारी दुनिया को चला रहा है, वह शिव स्वयं कितने शांत और मौन है और एक तरफ इंसान है जो अपनी चंचलता के वशीभूत होकर सिर्फ भटकाव में रहता है, इंसान चाहे तो शिव के साथ जुड़कर स्थिरता प्राप्त कर सकता है और भगवान शिव सदैव हमारे ऊपर कृपा की वर्षा करते है। पूरे भरे संसार में से सिर्फ़ हमें शिव भक्ति के लिए चुन लिया है। शिव ब्रह्मज्ञान प्रदान कर जहां परमात्मा के साथ जोड़ते हैं, वहीं छोटे – बड़े, ऊंच – नीच वाले भाव से भी मुक्त करते हैं, साथ ही प्यार और अपनत्व वाले भाव से मालामाल भी करते हैं। लेकिन आजकल क्षणिक देर के लिए मिली खुशी को हम सब आनंद मान रहे हैं, जबकि भक्त शिव को पाकर ही हम आनन्दित हो सकते है। श्री खुराना ने आगे कहा, शिव, ब्रह्मज्ञान प्रदान करने के साथ जो आध्यात्मिक नियम बताते है, उनके अनुसार चलकर हम सब अहम् से बच सकते हैं। वहीं मन को समर्पित कर देने पर हम वास्तविक शिव भक्ति का आनंद भी ले पाते हैं। ब्रह्मज्ञान प्राप्त करने के बाद जीवन को ज्ञानमय होकर गुजारे तो भक्ति पूर्ण है। इसलिए आओं हम सब मिलकर शिव के मार्गदर्शन में अपने जीवन को सुंदर बनाएं और हर खुशी को पाएं। इस पावन और पवित्र अवसर भगवान शिव जी आप सब की मनोकामनाएं पूर्ण करें और देवों के देव महादेव की कृपा दृष्टि सदा सभी पर बनी रहे यही हमारी शिव से कामना हैं। इसी विचार के साथ एक बार पुनः भगवान शिव की आराधना के पवित्र श्रावण मास के दूसरे सोमवार की सभी को शुभकामनाएं एवं उत्तर भारत के ऐतिहासिक भगवान शिव परिक्रमा महोत्सव में आये सभी भक्तों का हार्दिक स्वागत एवं अभिनन्दन।