गुरुदीपिका योगक्षेम फाउंडेशन ने किया वृहद वृक्षारोपण
आगरा। ‘वृक्ष धरा का भूषण हैं,करते दूर प्रदूषण हैं’ऐसा जान पढ़ रहा था मानो इन्हीं पंक्तियों के अर्थ को ग्रहण कर गुरुदीपिका योगक्षेम फाउंडेशन के सदस्य आज वन्य भूमि पर पसीना बहा रहे थे। ‘माटी के पुत्र’ कहे जाने वाले द्वारकाशारदापीठ के शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती का आज 66 वाँ जन्मदिन था। इस अवसर पर गुरुदीपिका योगक्षेम फाउंडेशन द्वारा बूढ़ी का नगला, आगरा की वन्य भूमि पर औषधीय तथा फलदार वृक्ष लगाने तथा उनके संरक्षण का संकल्प लिया गया फाउंडेशन के निदेशक रवि शर्मा ने बताया कि शंकराचार्य जी को प्रकृति तथा फलदार वृक्षों से विशेष लगाव है। अतः प्रकृति संरक्षण के प्रति उनके प्रेम को देखते हुए हमने आगरा की वन्य भूमि को फलदार भूमि में बदलने का संकल्प लिया है। इसी क्रम में उनके 66 में जन्मदिन के उपलक्ष्य में यहां बूढ़ी का नगला वन्य क्षेत्र में पाकड़, गूलर, जामुन, कीनू, मीठा नीम, बरगद, आम आदि के कुल 66 पौधे लगाए जा रहे हैं।
कार्यक्रम में सहयोगी अनुज गुप्ता ने बताया कि यहां के जंगलों में बबूल की अधिकता होने के कारण जमीन को साफ करना अपने आप में एक चुनौती है, परंतु फाउंडेशन ने यह चुनौती स्वीकार की है और वन्य भूमि के इस टुकड़े को फलदार वृक्षों की भूमि बनाने का निर्णय लिया है। फाउंडेशन के एक अन्य सदस्य डॉ राहुल शर्मा ने कहा कि फाउंडेशन का प्रकृति संरक्षण का विचार बहुत अच्छा है। इससे लोगों को औषधीय और फलदार वृक्ष लगाने की प्रेरणा मिलेगी और आगरा की भूमि बंजर होने से बचेगी। उन्होंने यह भी कहा कि शंकराचार्य जी के जन्मदिन के उपलक्ष्य में लगाए गए इन वृक्षों के संरक्षण का कार्य भी फाउंडेशन द्वारा ही किया जाएगा। बताते चलें कि जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती इस वर्ष अपना चातुर्मास व्रत अहमदाबाद, गुजरात में कर रहे हैं। इस अवसर पर वन विभाग के नवीन महेश्वरी, कृपा शंकर, मनोज कुमार, सतेंद्र सिंह आदि का विशेष सहयोग रहा। फाउंडेशन की निदेशक वारीजा चतुर्वेदी ने वन विभाग के अधिकारियों तथा कर्मचारियों को धन्यवाद भी दिया।