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बच्चों का पाँच साल में सात बार नियमित टीकाकरण जरूरी: डॉ. उपेंद्र

डीके श्रीवास्तव

आगरा। प्रभारी जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. उपेंद्र ने बताया कि वीएचएसएनडी और यूएचएसएनडी सत्र पर गर्भवती सहित शून्य से पांच साल तक के बच्चों का टीकाकरण किया जाता है। इन सत्रों पर गर्भवती की प्रसव पूर्व जांच सहित काउंसलिंग का भी प्रावधान है जिसमें गर्भवती को पौष्टिक आहार के सेवन, गर्भावस्था से संबंधित जानकारी, परिवार नियोजन के साधनों के बारे में जानकारी दी जाती है। इसी क्रम में कुपोषित बच्चों को चिन्हित करने के लिए वजन और लंबाई के अनुसार उन्हें सैम और मैंमै कैटेगरी में विभाजित किया जाता है। बच्चों की स्थिति से अभिभावकों को अवगत कराया जाता है। बच्चों को संदर्भित करने से संबंधित जानकारी भी दी जाती है । किशोरियों को आयरन की टेबलेट का सेवन और मेंस्ट्रूअल हाइजीन के लिए भी काउंसलिंग की जाती है। उन्होंने बताया कि वीएचएसएनडी और यूएचएसएनडी सत्र का विश्व स्वास्थ्य संगठन की एसएमओ डॉ. महिमा चतुर्वेदी और विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम द्वारा सहयोगात्मक पर्यवेक्षण, जे.एस.आई संस्था के प्रोग्राम ऑफिसर नितिन खन्ना शहरी क्षेत्र में आयोजित सत्रों पर शत प्रतिशत टीकाकरण करने में सहयोग कर रहे है साथ ही यूनिसेफ की टीम द्वारा टीकाकरण कराने से इनकार करने वाले (वैक्सीन अवॉइडेंस बिहैवियर) मना करने वाले परिवारों में सहयोग किया जा रहा है ।

नियमित टीकाकरण के लाभ-
– बच्चों को जानलेवा बीमारियों से बचाव
– गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित प्रसव के लिए तैयारी
– समाज में बीमारियों को फैलने से रोकथाम
– टीकाकरण के लिए हमारी जिम्मेदारी:
– गर्भवती महिलाओं और बच्चों को टीकाकरण के लिए प्रेरित करें
– टीकाकरण केंद्रों पर जाने में मदद करें
– समाज में टीकाकरण के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाएं

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