आगरा

हजरत नबी ए करीम की मोहब्बत से ही हम होंगे दुनिया और आखिरत में कामयाब: सूफी अंसारी मियां

आगरा। हजरत लियाकत हुसैन शाह उर्फ मुन्ने मियां की फातिहा का आयोजन आज ताजगंज कोलिहाई स्थित सूफी अंसारी मियां लियाकती के निवास पर किया गया बाद नमाज असर जिक्रे नबी ए करीम किया गया बाद नमाज मगरिब फातिहा पढ़ी गई फातिहा के बाद लंगर तकसीम किया गया आए हुए मुरीदन से सूफी अंसारी मियां ने कहा कि नबी ए करीम की पैदाइश 12 रबी उल अव्वल को जिस समय हुई अल्लाह रब्बुल इज्जत में पूरे आलम में अपने नूर की बारिश कर दी क्योंकि अव्वल और आखिरी नबी रसूले खुदा को दुनिया में अल्लाह रब्बुल इज्जत ने भेजना था अपने प्यारे हबीब को अल्लाह ने जिस तरह दुनिया में भेजो उसे तरह कोई भी नबी दुनिया में नहीं आया क्योंकि जिस समय नबी ए करीम मां हजरत आमना के जिस में तशरीफ़ रखे हुए थे उन दिनों मां हजरत आमना के पास फरिश्ते आकर दोनों आलम के शहंशाह मलिक ए मुख्तार के आने की खबर देते थे और मां हजरत आमना के पास से बेहतरीन वाली खुशबू महकती थी फरिश्ते आकर हजरत मां आमना से कहते थे कि आपके जिस्म में जो आराम कर रहे हैं वह अल्लाह के महबूब हैं और दोनों आलम के मलिक के मुखर हैं आप नबी ए करीम मोहम्मद साहब 12 रबी उल अव्वल ईद मिलादुन्नबी के दिन सुबह रात के आखरी समय में दुनिया में तशरीफ लाए आप नबी ए करीम के आने से दोनों आलम में नूर ए अल्लाह फैल गया आपने अपनी पूरी जिंदगी इस्लाम को फैलाने में लगा दी आप नबी ए करीम के आने से पहले दुनिया में अल्लाह रब्बुल इज्जत और इस्लाम को कोई नहीं जानता था आपके आने के बाद आपने अल्लाह रब्बुल इज्जत का कलमा असादुल्लाह ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मद उर रसूल अल्लाह पूरी दुनिया को बताया आज इस्लाम की पहचान इसी काल में से होती है इस काल में का मतलब है कि नहीं है कोई माबुत शिवाय अल्लाह के हजरत मोहम्मद साहब अल्लाह के रसूल हैं लोगों ने जिस समय यह कलमा पढ़कर मुसलमान हुए तब सभी काफिर थे अल्लाह के हबीब नबी ए करीम ने लाखों लोगों को कलमा पढ़कर इस्लाम में दाखिल किया और बताया कि इस्लाम मोहम्मद का मजहब है अल्लाह की ही इबादत हमको करनी है हम सभी डरते हैं तो सिर्फ अल्लाह से हम सभी गुनहगारों को गर्व होना चाहिए कि अल्लाह ने अपने महबूब नबी ए करीम का हम गुनहगारों को उम्मती बनाकर दुनिया में भेजा आज हमको अल्लाह के हबीब का उम्मती कहलन का शार्प जो हासिल है वह अल्लाह रब्बुल इज्जत की देन है अल्लाह के महबूब नबी ए करीम से मोहब्बत करना हम सभी का पहला कर्तव्य होना चाहिए।

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