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शारदीय नवरात्रि (माँ दुर्गा) का आगमन

दिग्विजय कुमार शर्मा

या देवी सर्व भूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता,
नमस्तस्ये नमस्तस्ये नमस्तस्ये नमो नमः।।

वर्ष 2024 का शरद नवरात्रि का पावन पर्व 3 अक्टूबर से प्रारम्भ हो रहा है ! नौ दिनों तक चलने वाले इस पर्व में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा आराधना की जाती है ! शास्त्रों में मां दुर्गा को शक्ति की देवी कहा गया है ! इसलिए इसे शक्ति की उपासना का पर्व भी कहा जाता है ! नवरात्र में नौ दिनों तक व्रत किये जाते हैं ! मान्यता है कि नवरात्र के व्रत रखने वालों को मां दुर्गा का आशीर्वाद मिलता है और उनके सभी संकट दूर हो जाते हैं ! माता रानी उनकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं ! इस समय तन्त्र मंत्र साधना पूजा का विशेष महत्वपूर्ण समय है।

इस वर्ष 3 अक्टूबर को अश्विन शुक्ल प्रतिपदा तिथि पर नवरात्रि की प्रथम स्थापना पड़ रहा है ! अतः प्रातः 05:56 बजे से 07:20 बजे के मध्य कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त है, कलश स्थापना करने के पश्चात व्रत एवं पूजा विधि विधान से प्रारम्भ करना चाहिए ! महाष्टमी 11 अक्टूबर 2024 को, नवमी 12 अक्टूबर को है ! 13 अक्टूबर को मूर्ति विसर्जन एवम विजय दशमी का त्यौहार है !

शरद नवरात्रि के सभी तिथियों के कार्यक्रम की सूची नीचे दी जा रही है !

देवी भाग्वत पुराण में नवरात्रि पर माता रानी की सवारी का विशेष महत्व बताया गया है ! हर साल मां अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर आती हैं ! मां का हर वाहन विशेष संदेश देता है !

पुराणों के अनुसार नवरात्रि पर माँ भगवती के आने व जाने की सवारी और उसका फल :—

1 — देवी भागवत के अनुसार माता दुर्गा जिस वाहन से पृथ्वी पर आती हैं, उसके अनुसार साल भर होने वाली घटनाओं का भी आंकलन किया जाता है।

तत्तफलम :—

” गजे च जलदा देवी, क्षत्र भंगस्तुरंगमे !
नोकायां सर्वसिद्धिस्यां, ढोलायां मरणंधुवम् !!

देवी जब हाथी पर सवार होकर आती है तब पानी अधिक बरसता है ! घोड़े पर आती हैं तब पड़ोसी देशों से युद्ध एवं सत्ता परिवर्तन की आशंका बढ़ जाती है ! जब देवी नौका पर आती हैंं तब सभी की मनोकामनाएं पूरी करती हैं और जब डोली पर आती हैं तब महामारी फैलने का भय बना रहता हैं !

“शशि सूर्ये गजारूढ़ा, शनि भौमे तुरंगमे !
गुरौ शुक्रे चदोलायां, बुधे नौका प्रकी‌र्त्तितः !!”

देवी भागवत के इस श्लोक के अनुसार सोमवार व रविवार को प्रथम पूजा यानी कलश स्थापना होने पर मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं ! शनिवार और मंगलवार को नवरात्र शुरू होने पर माता का वाहन घोड़ा होता है ! गुरुवार या शुक्रवार को नवरात्र शुरू होने पर माता डोली में बैठकर आती हैं ! बुधवार से नवरात्र शुरू होने पर माता नाव पर सवार होकर आती हैं !

इस नवरात्रि पर माँ भगवती डोली पर सवार होकर गुरुवार के दिन आ रही हैं, जिससे महामारी फैलने की सम्भावना है और रविवार को महिषा पर सवार होकर विदा होंगी ! अतः इस बार देश में रोग और शोक बढ़ने का संकेत मिल रहा है !

2 — किस दिन कौन-से वाहन पर सवार होकर जब माँ भगवती जाती हैं, तब क्या फल देतीं हैं !
देवी भागवत के अनुसार नवरात्र का आखिरी दिन तय करता है कि जाते समय माता का वाहन कौन सा होगा ? अर्थात नवरात्र के अंतिम दिन कौन सा दिन पड़ रहा है, उसी के अनुसार देवी का वाहन भी तय होता है !

“शशिसूर्य दिने यदि सा विजया,
महिषागमने रुज शोककरा !
शनि भौमदिने यदि सा विजया,
चरणायुध यानि करी विकला !!
बुधशुक्र दिने यदि सा विजया,
गजवाहन गा शुभ वृष्टिकरा !
सुरराजगुरौ यदि सा विजया,
नरवाहन गा शुभ सौख्यकरा !!”

अर्थात रविवार और सोमवार को देवी भैंसा की सवारी से जाती हैं तब देश में रोग और शोक बढ़ता है ! शनिवार और मंगलवार को देवी चरणायुध (मुर्गे पर सवार होकर) जब प्रस्थान करती हैंं, तब दुख और कष्ट की वृद्धि होती है ! बुद्धवार और शुक्रवार को देवी हाथी पर सवार होकर जाती हैंं, तब इससे बारिश अधिक होती है ! गुरुवार को माँ भगवती मनुष्य की सवारी करके जाती हैं ! जिससे सुख और शांति की वृद्धि होती है !

नवरात्र के समय कुछ कार्यों को करने से माता रानी प्रसन्न होकर सुख-समृद्धि का वरदान देती हैं ! यह सात कार्य इस प्रकार हैं —

1 – नवरात्रि पर्वों पर व्रत रखने पूजा उपासना करने और कलश स्थापन से माँ दुर्गा पूरे वर्ष अपनी कृपा बरसाती हैं !
2 – शरद नवरात्रि पर माता रानी को चढ़ाएं कमलगट्टा :
अपने हर काम में सफलता पाने और धन-सम्पदा प्राप्त करने के लिए नवरात्रि की अष्टमी के दिन माता महागौरी को कमल गट्टा अवश्य चढ़ाएं ! कमल गट्टे के साथ माता का सबसे प्रिय लाल गुड़हल का फूल भी चढ़ाएं !
3 – शारदीय नवरात्रि की सभी नौ तिथियों पर माता रानी को प्रतिदिन ताजे पुष्प अर्पित करें !
4 – हर दिन नवरात्रि में देवी को ताजे फूल चढ़ाना चाहिए और पूजा घर की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए ! पुराने हो चुके फूलों की कभी भी कूड़े दान में नहीं फेंकना चाहिए बल्कि किसी नदी अथवा पोखर में प्रवाहित कर देना चाहिए !
5 – नवरात्रि पर हर रोज दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए :
दुर्गा सप्तशी का पाठ करने से आपके सभी तरह के बिगड़े हुए काम पूरे होने लगते हैं !
6 – नवरात्रि पर गाय को रोटी अवश्य खिलाएं :

नवरात्रि पर गाय को रोटी अवश्य खिलाना चाहिए ! हर तरह की मनोकामना को पूरा करने के लिए नवरात्रि पर गाय को रोटी अवश्य खिलाएं ! नवरात्रि के नौ दिन तक ऐसा करने पर भाग्य का साथ मिलने लगता है !
प्रेम से बोलो ।।जय माता दी।।

प्रोफेसर दिग्विजय कुमार शर्मा
शिक्षाविद, साहित्यकार
सामाजिक कार्यकर्ता
आगरा

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