आगराउत्तर प्रदेश

हाथियों से सड़कों पर भीख मंगवा रहे लोगों पर कसा जाएगा शिकंजा

आगरा। हाथियों के छोटे बच्चों को जंगल से पकड़कर सड़कों पर भीख मंगवा रहे लोगों पर शिकंजा कसा जाएगा। वाइल्डलाइफ एसओएस देश में भीख मांगने वाले हाथियों को मुक्त कराने के लिए अभियान शुरू करने जा रहा है। पांच चरणों में चलने वाले इस अभियान में जनता भी जुड़ सकती है। पांच सालों में 300 भीख मांगने वाले हाथियों को मुक्त कराने का संकल्प लिया गया है।
दो साल पहले वाइल्डलाइफ
एसओएस को मोती नामक एक भीख
मांगने वाले हाथी की मदद के लिए
आपातकालीन कॉल आई थी। ये हाथी
गिर गया था। इसे कई हफ्तों तक बचाने
के प्रयास किए गए। इसमें भारतीय सेना
ने भी योगदान दिया था। लेकिन, उसे
बचाया नहीं जा सका। इसी को ध्यान
में रखते हुए वाइल्डलाइफ एसओएस
ने साल 2030 तक सभी भीख मांगने
वाले हाथियों को बचाने का अभियान
शुरू किया है। उनका मानना है कि
अवैध रूप से अनुमानित 300 हाथियों को पैसे कमाने के लिए सड़कों पर चलने के लिए मजबूर किया जा रहा है। एसओएस के कार्यकारी निदेशक निक्की शार्प ने जानकारी दी।
अभियान के चरण
■ रेस्क्यूः हाथियों को सड़क से हटाकर बचाव केंद्रों में लाना, जहां उनकी देखभाल हो सके।
■ आउटरीच हाथियों को उनकी पीड़ा से राहत देने के लिए उनके बचाए जाने तक इंतजार न करना।
■ रोकथामः कानून परिवर्तन और अवैध शिकार विरोधी कार्यक्रमों का समर्थन करके हाथियों को सड़क पर आने से रोकना।
■ शिक्षाः इन हाथियों की पीड़ा के बारे में सामुदायिक जागरूकता पैदा करना और स्वास्थ्य आवश्यकताओं के बारे में बताना।
■ प्रशिक्षणः हाथियों की गुणवत्ता पूर्वक देखभाल करने के लिए पशु चिकित्सकों को आधुनिक कौशल में प्रशिक्षित करना।

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