रामपुर के वकीलों के न तोड़े जाएं चैंबर, एडवोकेट सरोज यादव ने चीफ जस्टिस को लिखा पत्र
डीके श्रीवास्तव

आगरा। जिला रामपुर में विद्वान अधिवक्ताओं के चैंबर तोड़े जाने के प्रस्ताव का आगरा के वकीलों द्वारा भी विरोध किया गया है। सोमवार को चैंबर तोड़े जाने के विरोध में अधिवक्ता सरोज यादव के नेतृत्व में एक ज्ञापन पत्र इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के नाम प्रेषित किया गया।
ज्ञापन पत्र के माध्यम से चीफ जस्टिस महोदय को अवगत कराया गया कि जिला रामपुर में विद्वान अधिवक्ताओं के चैम्बर्स को तोड़ा जा रहा है जिसकी वजह से रामपुर बार के अधिवक्ता लगातार आंदोलन कर रहे हैं। उपरोक्त परिस्थितियों में रामपुर बार के अधिवक्तागण बार-बार अपने चैम्बर्स की मांग करते चले आ रहे हैं ताकि सम्मानित अधिवक्तागण गरिमामयी वातावरण में वकालत कर सकें। ज्ञापन पत्र में कहा गया कि बार एवं बैंच एक ही तंत्र के अभिन्न अंग हैं । बिना वकीलों के न्याय तंत्र में न्याय की कल्पना भी नहीं की जा सकती। ज्ञापन के माध्यम से मांग की गई कि
रामपुर बार के सम्मानित अधिवक्ताओं के चैम्बर्स को नहीं तोड़ा जाये और उन्हें गरिमामयी प्रेक्टिस हेतु चैम्बर्स की उपलब्धता सुनिश्चित किये जाने की मांग की है।
इस दौरान एडवोकेट सरोज यादव ने कहा कि प्रदेश में वकीलों के सम्मानजनक ढंग से बैठ कर वकालत करने के लिए प्रॉपर चैंबर की सख्त आवश्यकता है। जबकि इस ओर प्रदेश सरकार कतई ध्यान नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि कचहरियों के इंफ्रास्ट्रक्चर पर सरकारी तंत्र अनॉप शनाप खर्च कर रहा है और वकीलों के गरिमामई तरीके से बैठने तक के लिए चैंबर की उपलब्धता नहीं है। यह स्थिति अत्यंत ही चिंतनीय है। सरकार के साथ ही साथ न्याय तंत्र को भी इस विषय में मानवीय संवेदनाओं के साथ गम्भीर मंथन करने की आज बहुत जरूरत है। चैंबर की उपलब्धता न होने का दंश पूरे उत्तर प्रदेश के सम्मानित अधिवक्ता झेल रहे हैं और तमाम ज़िलों में चैंबर आंदोलन की बड़ी वजह बनते रहे हैं और मौजूदा समय में भी रामपुर के अधिवक्ताओं द्वारा आंदोलन किया जा रहा है। एडवोकेट सरोज यादव ने कहा है कि यदि प्रदेश में चैंबर उपलब्ध नहीं कराए गए तो वकील समाज आंदोलन के रास्ते पर चलने को अग्रसर है और आगे भी रहेगा।