विकसित भारत: ‘नशामुक्त और दहेजमुक्त’ समाज की दिशा में कुलपति प्रो. आशू रानी जी का अभूतपूर्व योगदान
डॉ. प्रमोद कुमार

आगरा। भारत एक प्राचीन संस्कृति और समृद्ध परंपराओं वाला देश है, जहाँ सामाजिक समरसता और नैतिक मूल्यों को सर्वोपरि माना जाता है। किंतु आधुनिक समय में कुछ सामाजिक कुरीतियाँ, जैसे नशाखोरी और दहेज प्रथा, समाज के विकास में बाधक बन रही हैं। इन कुरीतियों के उन्मूलन के लिए अनेक समाजसेवी, शिक्षाविद, और सरकारी योजनाएँ कार्य कर रही हैं। इन्हीं में से एक प्रमुख नाम है प्रो. आशू रानी जी, जिन्होंने नशामुक्त और दहेजमुक्त भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अपने अथक प्रयासों से एक नई दिशा दी है। आदरणीय राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी की प्रेरणा और मार्गदर्शन में उन्होंने इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए ‘विकसित भारत, सशक्त भारत’ के लिए एक साइकिल यात्रा का शुभारंभ साइकिल यात्रा जैसी सराहनीय पहल की, जो देशभर में जागरूकता फैलाने का एक प्रभावी माध्यम बनी। यह लेख डॉ भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा की कुलपति महिदया जी प्रो. आशू रानी जी के प्रयासों, उनके योगदान, और ‘नशामुक्त तथा दहेजमुक्त’ भारत के निर्माण में उनकी भूमिका को विस्तार से प्रस्तुत करता है।
‘नशामुक्त और दहेजमुक्त’ समाज में के जगुरुकता हेतु साइकिल यात्रा का शुभारंभ
आदरणीय कुलाधिपति एवं राज्यपाल, उत्तर प्रदेश आनंदीबेन पटेल की प्रेरणा व मार्गदर्शन से डॉ भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा की कुलपति महिदया जी प्रो. आशू रानी जी ने विश्वविद्यालय के आवासीय संस्थानों एवं विश्वविद्यालय से सम्बद्ध समसा राजकीय/एडेड स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों में अध्ययनरत छात्राओंई ‘विकसित भारत, मशक्त भारत’ के लिए एक साइकिल यात्रा का शुभारंभकुलपति प्रो. आशु रानी द्वारा स्वामी विवेकानन्द की प्रतिभा, स्वामी विवेकानन्द परिसर, खंदारी से किया गया। यो दिवसीय दिनांक 10 और 11 को इस साइकिल यात्रा में छात्र, शिक्षक ‘नशा मुक्त भारत’ और दहेज मुक्त भारत’ का मंदेश देंगे। चात्रा में छात्र और शिक्ष विलका आगरा और मथुरा जनपद में लोगों की जाग अरेंगे और साथ ही रास्ते में पहुने वाले सभी धार्मिक स्थलों का में आनेंगे। मंगलवार को साइकिल यात्रा का समापन होगा चात्रा खंदारी परिसर से शुरू होकर रामबाग, पोइया चौराहा, कबनाऊ चौगहा, बालीय, लेती से होते हुए अगले दिन मथुरा से होते हुए पुरा जाट गाँव बीठम गाँव, कैलाश मंदिर होकर फिर से स्वामी विवेकारना परिता, खांदकरी आएगी। यात्रा संयोजक प्रो. मनुप्रताप सिंह ने बताया की खदारी परिसर से 50 जात्राएं और शिक्षक इस साइकिल यात्रा में शामिल हुए है। इस यात्रा में जगह जगह परत्रों का शहरवासी स्वागत और उत्साह वर्धन भी कर रहे हैं।
भारत में नशा और दहेज प्रथा: एक गंभीर सामाजिक समस्या
1. नशाखोरी: समाज पर प्रभाव
नशाखोरी एक ऐसी सामाजिक बुराई है जो न केवल व्यक्ति के जीवन को नष्ट करती है बल्कि परिवार और समाज पर भी गहरा प्रभाव डालती है। युवाओं में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति शिक्षा, स्वास्थ्य, और रोजगार के अवसरों को बाधित करती है। शराब, तंबाकू, ड्रग्स, और अन्य मादक पदार्थों की लत से अपराधों में वृद्धि होती है, मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है, और आर्थिक संसाधनों का दुरुपयोग होता है।
2. दहेज प्रथा: महिलाओं के अधिकारों का हनन
दहेज प्रथा भारतीय समाज में एक पुरानी समस्या है, जो आज भी विभिन्न रूपों में विद्यमान है। यह प्रथा न केवल महिलाओं के शोषण का कारण बनती है बल्कि कई बार घरेलू हिंसा, मानसिक उत्पीड़न और दहेज हत्या जैसी घटनाओं को जन्म देती है। दहेज के कारण कई लड़कियाँ विवाह योग्य होते हुए भी अविवाहित रह जाती हैं, जिससे समाज में असमानता और अन्य सामाजिक समस्याएँ उत्पन्न होती हैं।
कुलपति प्रो. आशू रानी जी का योगदान: सामाजिक सुधार की दिशा में क्रांतिकारी कदम
कुलपति महिदया प्रो. आशू रानी जी प्रो. आशू रानी जी एक शिक्षाविद, समाजसेवी और प्रखर विचारक हैं, जिन्होंने समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए अनेक प्रयास किए हैं। उनके कार्यों में नशामुक्त और दहेजमुक्त भारत का निर्माण एक प्रमुख लक्ष्य रहा है। उन्होंने इस अभियान को सफल बनाने के लिए विभिन्न माध्यमों का उपयोग किया, जिनमें से साइकिल यात्रा एक महत्वपूर्ण पहल साबित हुई।
1. नशामुक्त भारत के लिए साइकिल यात्रा
प्रो. आशू रानी जी का यह विश्वास रहा है कि समाज में परिवर्तन लाने के लिए आम लोगों को जागरूक करना सबसे आवश्यक है। इसी सोच के तहत उन्होंने नशामुक्त भारत अभियान के अंतर्गत साइकिल यात्रा की शुरुआत की। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य था—
(a) लोगों को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करना
(b) युवाओं को नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित करना
(c) इस अभियान में सरकारी एवं गैर-सरकारी संस्थाओं को शामिल करना स्कूलों, कॉलेजों और गाँवों में जागरूकता अभियान चलाना
इस यात्रा के दौरान उन्होंने कई स्थानों पर व्याख्यान, सेमिनार और जनसभाओं का आयोजन किया, जिसमें हजारों लोगों ने भाग लिया। उनके प्रयासों से कई युवाओं ने नशा छोड़ने का संकल्प लिया, जिससे यह यात्रा अत्यंत प्रभावी सिद्ध हुई।
2. दहेजमुक्त भारत: सामाजिक क्रांति की पहल
दहेज प्रथा के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए प्रो. आशू रानी जी ने ‘दहेजमुक्त विवाह अभियान’ की शुरुआत की। इस अभियान के अंतर्गत उन्होंने—
(a) युवाओं को बिना दहेज शादी करने के लिए प्रेरित किया
(b) समाज के प्रतिष्ठित लोगों को इस अभियान से जोड़ा
(c) विभिन्न विश्वविद्यालयों और स्कूलों में ‘दहेज मुक्त भारत’ पर व्याख्यान दिए
(d) सरकार से कठोर कानूनों की मांग की और जागरूकता फैलाने के लिए मीडिया का उपयोग किया
(e) साइकिल यात्रा के माध्यम से उन्होंने इस मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर पहुँचाया, जिससे अनेक परिवारों ने दहेजमुक्त विवाह की दिशा में कदम बढ़ाए।
राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी का मार्गदर्शन और प्रेरणा
राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी समाज सुधार और शिक्षा के क्षेत्र में अत्यंत सक्रिय रही हैं। उनके प्रेरणादायक नेतृत्व ने कई सामाजिक अभियानों को नई गति प्रदान की है। प्रो. आशू रानी जी को भी उनका भरपूर मार्गदर्शन मिला, जिससे उनके अभियान को अधिक समर्थन और सफलता प्राप्त हुई। श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी ने—
(a) शिक्षा और महिला सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान दिया
(b) नशामुक्त और दहेजमुक्त समाज की आवश्यकता को विभिन्न मंचों पर प्रस्तुत किया
(c) प्रो. आशू रानी जी के अभियान को प्रोत्साहन दिया और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए प्रेरित किया
(d) उनके सहयोग और प्रेरणा से यह अभियान और अधिक प्रभावी बना और समाज के विभिन्न वर्गों तक पहुँचा।
साइकिल यात्रा: समाज में जागरूकता फैलाने का प्रभावी माध्यम
साइकिल यात्रा एक अनूठी पहल थी, जिसने समाज के विभिन्न तबकों को जोड़ने का कार्य किया। इस यात्रा की कुछ प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार थीं—
(a) लंबी दूरी की यात्रा: यह यात्रा अगरा जिले कई गाव व शहर और कस्बे से होकर गुज़री, जिससे अधिक से अधिक लोगों तक संदेश पहुँचा।
(b) युवाओं की भागीदारी: इस अभियान में अनेक युवा शामिल हुए, जिससे यह संदेश और प्रभावी बना।
(c) मीडिया कवरेज: समाचार पत्रों, टेलीविजन और सोशल मीडिया के माध्यम से इस अभियान को व्यापक स्तर पर प्रचारित किया गया।
(d) स्थानीय प्रशासन और संगठनों का सहयोग: विभिन्न संस्थानों और संगठनों ने इस अभियान का समर्थन किया, जिससे इसे अधिक बल मिला।
विकसित भारत: सशक्त और समृद्ध भारत की ओर
डॉ भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा की कुलपति महिदया प्रो. आशू रानी जी के ‘नशामुक्त और दहेजमुक्त’ भारत अभियान ने समाज में जागरूकता फैलाने और सकारात्मक परिवर्तन लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके प्रयासों से हजारों लोगों ने नशा छोड़ने और दहेजमुक्त विवाह अपनाने का संकल्प लिया। आदरणीय कुलाधिपति एवं राज्यपाल, उत्तर प्रदेश श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी के मार्गदर्शन और समर्थन से यह अभियान और भी प्रभावी बना। इस प्रकार की पहलें भारत को एक सशक्त, समृद्ध और नैतिक मूल्यों से परिपूर्ण देश बनाने में सहायक होंगी। अब समय आ गया है कि हम सभी इस आंदोलन का हिस्सा बनें और अखंड भारत, समृद्ध भारत एक भारत, श्रेष्ठ भारत और एक विकसित राष्ट्र बनाने ओर कदम बढ़ाएँ।
डॉ प्रमोद कुमार
डिप्टी नोडल अधिकारी, MyGov
डॉ भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा