प्रदेश में महिला आयोग के समान पुरुष आयोग का भी किया जाए गठन: मनोज अग्रवाल
मनीष भारद्वाज

आगरा। एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से भारतीय हिंदू सेवा संस्था के प्रदेश अध्यक्ष मनोज अग्रवाल ने अवगत कराया है कि उत्तर प्रदेश में घरेलू हिंसा में पुरुषों पर भी मामले बढ़ते जा रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर महिला आयोग के समान पुरुष आयोग के गठन की मांग उठाई है। पत्र में कहा गया है कि घरेलू हिंसा का शिकार सिर्फ महिला ही नहीं होती बल्कि पुरुष भी होते हैं। महिलाओं के आरोपी को मीडिया एवं शासन स्तर से लेकर पुलिस महकमा और जिला प्रशासन तक गंभीरता से लेकर उन्हें सही मानता है और शिकायतकर्ता महिला के पति उसके माता-पिता भी बहन सहित अन्य परिजनों और रिश्तेदारों के खिलाफ सख्त धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर आरोपियों को जेल भेज देते हैं। जेल जाने वाले आरोपियों में 70-75 वर्ष के महिला पुरुष तक होते हैं।
प्रदेश अध्यक्ष मनोज अग्रवाल ने पत्र में लिखा है कि वास्तविकता यह है कि घरेलू हिंसा, उत्पीड़न और अत्याचार के शिकार महिलाओं से ज्यादा घर के पुरुष (पति व अन्य ससुरालीजन) होते हैं, लेकिन पुरुषों की शिकायत पर किसी भी स्तर से कोई ध्यान न देकर कोई विधि कार्रवाई नहीं की जाती है। यह बाद बीते समय की हो गई है कि पुरुष प्रधान समाज में नारी का हर स्तर पर उत्पीड़न, अत्याचार जुल्म होते हैं। उनका कहना है कि अब समय बदल गया है और समाज नारी प्रधान होता जा रहा है। पुरुष दबंग पत्नी की मनमानी और उत्पीड़न सहने के साथ उसके मायके वालों की मारपीट और अभद्रता का शिकार होकर भी सारे जुल्मों व उत्पीड़न को खामोशी से सहता रहता है। क्योंकि पुरुष को मालूम होता है कि उसकी पुलिस से लेकर कहीं भी सुनवाई नहीं की जाएगी। मीडिया में भी अब आए दिन ऐसी खबरें सुर्खियों में रहती हैं कि पत्नी के उत्पीड़न से तंग पति ने सुसाइड कर लिया। बच्चों को छोड़कर पत्नी प्रेमी के साथ जेवर नगदी समेटकर फुर्र हो गई। पत्नी ने प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या कर दी। सरकार का पतियों के उत्पीड़न की ओर अभी ध्यान नहीं गया है।
प्रदेश अध्यक्ष मनोज अग्रवाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए महिला आयोग के समान पुरुष आयोग का भी गठन किया जाए, ताकि उत्पीड़न से त्रस्त पुरुषों को भी न्याय मिल सके।