आगराउत्तर प्रदेश

झांसी की शौर्य गाथा

डॉ दिलीप अग्निहोत्री

आगरा। झांसी का नाम आते ही एक अनूठे राष्ट्रीय शौर्य की अनुभूति होती है। झांसी की रानी वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई का राष्ट्र के लिए त्याग और बलिदान आने वाली पीढियों के लिये सदैव प्रेरणादायी रहेगा। झांसी किला दर्शन मात्र से राष्ट्र चेतना का संचार होता है। यहां वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई के जीवन,शौर्य एवं बलिदान पर आधारित लेजर शो भाव विभोर करता है। यह सुखद संयोग है कि झांसी में डिफेंस कोरिडोर का नोड है, यहां कुछ महीने बाद रक्षा उत्पादों को बनाने के उपकरणों का उत्पादन भी शुरू हो जाएगा। डिफेंस कॉरिडोर का झांसी नोड गरौठा तहसील के छह गांवों में विकसित किया जा रहा है। डिफेंस कॉरिडोर के झांसी नोड में पहली इकाई रक्षा मंत्रालय के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम भारत डायनामिक्स लिमिटेड द्वारा विकसित की जा रही है, जहां मिसाइल बनाने में प्रयुक्त होने वाले उपकरण और बारूद तैयार की जाएगी। वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई एवं वीरांगना झलकारी बाई द्वारा देश के लिये किये गये त्याग एवं बलिदान को देखने का अवसर गौरवान्वित करता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमारे देश की नारी शक्ति द्वारा संचालित आपरेशन सिन्दूर के माध्यम से भी एक शौर्य का प्रदर्शन किया गया, जिसको पूरी दुनिया द्वारा एक साक्षी के रुप में देखा गया। आज के समय में हमारा देश जिस एकता का प्रदर्शन कर रहा है, इस प्रदर्शन से आतंकवाद को मुंहतोड़ जवाब देना सम्भव हो रहा है। यह आज का नया भारत स्वाभिमानी, स्वावलम्बी एवं आत्मनिर्भर भारत है। हमारी सामरिक शक्ति, युद्ध की कौशलता एवं आधुनिक तकनीक की सफलता के हम सभी प्रत्यक्षदर्शी हैं।

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