
बिहार विधानसभा चुनाव -2025 को लेकर राजनैतिक दलों की गतिविधियां तीव्र हो चली हैं । यद्यपि अभी वहां चुनाव होने में दो माह से अधिक का समय शेष है तथापि चुनावी घमासान चरम पर पहुंच गया है। चुनाव आयोग ने मतदाता सूची को ठीक करने के लिए विशेष गहन पुनरीक्षण अर्थात एसआईआर कराया तो राहुल बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के साथ वोटर अधिकार यात्रा निकालने में लग गए जिसमें उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव सहित तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन भी शामिल हुए।
राहुल गांधी की यह यात्रा तो थी वोटर अधिकार रैली किंतु आगे बढ़ते हुए बन गई बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठिया बचाओ और उनको मतदाता बनाओ रैली। राहुल गांधी की बिहार में आयोजित वोटर अधिकार रैली में भारत के प्रति अपनेपन का गहरा अभाव रहा। तमिल नेता स्टालिन को बुलाकर हिंदी भाषा का अपमान किया गया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड्गे व राहुल गांधी सहित अन्य नेताओं ने पटना रैली में भारत व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित चुनाव आयोग के खिलाफ जी भरकर नफरत भरी बयानबाजी की और अपशब्द कहे। यात्रा अंतिम चरण तक पहुँचते पहुँचते इतनी जहरीली हो गई कि राहुल के करीबी नेताओं ने भरे मंच प्रधानमंत्री की माँ के लिए लिंगवाचक गालियों का प्रयोग कर दिया। इस प्रकार राहुल गांधी अपना परमाणु बम प्रभावहीन होने बाद हाइड्रोजन बम की तलाश में हैं।
वोटर अधिकार यात्रा अराजकता और राहुल गांधी व उनके समर्थकों की अनुशासनहीनता और अभद्रता के प्रदर्शन के कारण ही चर्चा में रही। जिस समय पूरा वैश्विक समुदाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विचारों को सुनना और उनका मार्गदर्शन प्राप्त करना चाह रहा है, उनके नेतृत्व में एक नया वर्ल्ड आर्डर आकार ले रहा है उस समय राहुल गांधी -तेजस्वी यादव व अन्य नेताओं ने मोदी व उनकी मां तक का अपमान करने का कोई अवसर नही छोड़ा। राहुल गांधी के नेतृत्व वाला संपूर्ण विपक्ष बहुत ही ओछी प्रवृत्ति का उदाहरण प्रस्तुत करता रहा।
बिहार के दरभंगा जिले में कांग्रेस के मंच से एक स्थानीय मुस्लिम नेता मोहम्मद रिजवी ने प्रधानमंत्री मोदी की मां को अपशब्द कहे, उससे भी आश्चर्यजनक बात यह रही कि राहुल गांधी ने अपने कार्यकर्ता की उस शर्मनाक हरकत के लिए सार्वजनिक माफी तक नहीं मांगी बल्कि अलग अलग तरह से उसका बचाव किया। वोटर अधिकार रैली का सारा प्रकरण अब प्रधानमंत्री मोदी व उनकी मां के अपमान की ओर झुक गया। प्रधानमंत्री मोदी की मां के अपमान की चारों ओर निंदा हो रही है । जो लोग वोट चोर के नारे से नायक बनने निकले थे अब उनके चेहरे पर हवाईयां उड़ती दिख रही हैं।
पीएम मोदी को 111वीं गाली व मां का अपमान अब विपक्ष पर भारी- हर बार की तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विरोधी दलों के नेताओें की गालियों को अपना हथियार बना लिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार की महिलाओं को एक कार्यक्रम में भोजपुरी में संबोधित करते हुए इसे केवल अपनी मां का नहीं अपितु देश की हर मां बहन ओैर बेटी का अपमान बताया। प्रधानमंत्री मोदी का यह भावुक संबोधन सुनकर बिहार प्रदेश भाजपा अध्यक्ष व वहां पर उपस्थित तमाम मातृशक्ति के आंखां में अश्रु आ गए। बिहार में भाजपा व राजग गठबंधन ने इसे लेकर सफलतापूर्वक पूर्ण बंद किया है। राजग गठबंधन की ओर से आयेजित बंद को बिहार में पूर्ण समर्थन मिल रहा है अनेक स्थानों पर महिला कार्यकर्ता ही बंद का आयोजन कर रही हैं।
इतिहास साक्षी है कि जब -जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपशब्द कहे गए हैं या उनका सार्वजनिक अपमान किया गया है तब -तब उन्हें राजनैतिक लाभ हुआ है। मोदी जी जब से प्रधानमंत्री बने हैं तभी से कांग्रेस व विरोधी दलों के नेताओं में उन्हें अपशब्द कहने की होड़ लगी है। आज कांग्रेस का कोई नेता ऐसा नहीं बचा है जिसने उन्हें गाली न दी हो या फिर अपमानित न किया हो।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मौत का सौदागर से लेकर जहरीला सांप, नीच आदमी, रावण, भस्मासुर और वायरस तक कहा जा चुका है। दिसंबर 2017 में कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने कहा कि, यह बहुत नीच किस्म का आदमी है इसमें कोई सभ्यता नहीं है। कांग्रेस नेता इमरान मसूद ने मोदी बोटी बोटी काटने की बात कही थी। बेनी प्रसाद वर्मा ने पागल कुत्ता बताया था। एक समय था जब कांग्रेस नेता शशि थरूर ने प्रधानमंत्री मोदी को गालियां देने की झड़ी लगा दी थी। सोनिया और राहुल सहित कांग्रेस के 12 ऐसे नेता हैं जिन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को जमकर गालियां दी और हर गाली के बाद देश में जहां भी चुनाव हुए वहां का राजनैतिक वातावरण बदल गया। प्रधानमंत्री मोदी के विरुद्ध निजी अपमानजनक टिप्पणी कांग्रेस को हमेशा नुकसान पहुंचाती है लेकिन यह बात राहुल गांधी व उनके सलाहकार समझ नहीं पा रहे हैं।
राजनैतिक विश्लेषकों का अनुमान है कि प्रधानमंत्री मोदी की स्वर्गीय मां के अपमान से अब बिहार की राजनीति पूरी तरह से बदल गई है। प्रधानमंत्री मोदी व एनडीए समर्थक कार्यकर्ताओं में अभूतपूर्व आक्रोष व्याप्त हो गया है। प्रधानमंत्री मोदी की मां का अपमान एक मुस्लिम नेता ने किया है और राहुल गांधी ने केवल मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में ही वोटर अधिकार यात्रा निकाली है जिसका असर यह होगा कि अब वहां पर मतों का धार्मिक आधार पर ध्रुवीकरण होगा। बिहार की राजनीति में मातृशक्ति निर्णायक मतदाता है और नीतिश कुमार की सरकार में नारी शक्ति के हित में कई कार्य हुए हैं । उस पर मोदी जी की मां के अपमान से अब महिला मतदाताओं का एक बहुत बड़ा वर्ग राजग गठबंधन की ओर झुक जाएगा।
मां के प्रति अपमानजनक शब्द सुनकर प्रधानमंत्री मोदी का भावुक होना स्वाभाविक है। उनकी मां तीन वर्ष पूर्व नश्वर देह त्याग चुकी हैं, वे कभी राजनीति में भी नहीं रहीं ऐसी परिस्थिति में मां का अपमान कोई भी बेटा स्वीकार नहीं करेगा। यदि जिस दिन यह दुखद घटना घटी उसी दिन राहुल और तेजस्वी उसकी कड़ी निंदा कर माफ़ी मांग लेते तो बात इतनी आगे नहीं बढ़ती। राहुल गांधी ने मुस्लिम तुष्टीकरण के लिए अपने छुटभैये मुस्लिम नेता से प्रधानमंत्री और उनकी माँ को अपमानित कराकर ऐसा सेल्फ गोल किया है जिसकी भरपाई असंभव है।