उत्तराखंड

सौभाग्य की त्रिवेणी का अलभ्य अवसर जन्मशताब्दी समारोह : डॉ चिन्मय पण्ड्या

जन्मशताब्दी कार्यक्रम की तैयारियाँ प्रारंभ, हजारों साधकों ने किया श्रमदान

हरिद्वार। गायत्री तीर्थ शांतिकुंज के संचालन में जनवरी 2026 में आयोजित होने वाले जन्मशताब्दी समारोह की तैयारियाँ प्रारंभ हो गयी। तैयारियों के अंतर्गत प्रथम चरण में शांतिकुंज के हजारों साधकों ने आयोजन स्थल बैरागी द्वीप, हरिद्वार क्षेत्र में जमकर पसीना बहाया और झाड़ झंखाड, कूड़े करकट आदि को चुन चुनकर एकत्रित किया।
समारोह स्थल पहुंचे अखिल विश्व गायत्री परिवार के युवा प्रतिनिधि डॉ चिन्मय पण्ड्या ने भी स्वयं सफाई अभियान में भाग लिया। इस अवसर पर सेवादानियों परिजनों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह जन्मशताब्दी समारोह सौभाग्य की त्रिवेणी का अलभ्य अवसर है, जिसमें युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी की साधना के शतवर्ष, अखण्ड दीप की शताब्दी तथा माता भगवती देवी शर्मा जी की जन्मशती एक साथ मनाई जाएगी।
शांतिकुंज जन्मशताब्दी विभाग के समन्वयक श्री श्याम बिहारी दुबे ने बताया कि गायत्री परिवार प्रमुखद्वय श्रद्धेय डॉ प्रणव पण्ड्या एवं श्रद्धेया शैैलदीदी की प्रेरणा एवं देसंविवि के प्रतिकुलपति डॉ चिन्मय पण्ड्या के नेतृत्व में जन्मशताब्दी समारोह का आयोजन होने जा रहा है। समारोह की तैयारियों के क्रम में शांतिकुंजवासी कार्यकत्र्ता भाई-बहिन सहित विभिन्न प्रशिक्षण सत्रों में आये करीब दो हजार स्वयंसेवकों ने जमकर पसीना बहाया। छग, बिहार, झारखण्ड, गुजरात, उप्र, दिल्ली, मप्र सहित अनेक राज्यों से आये स्वयंसेवक शामिल रहे। श्री दुबे ने बताया कि देश भर से स्वयंसेवक श्रमदान करने गुरुधाम शांतिकुंज पहुंच रहे हैं।
बताते चलें कि आज प्रात: से ही शांतिकुंज के कार्यकत्र्ताओं में जबरदस्त उत्साह था। वे सभी गायत्री महामंत्र का गान व प्रज्ञागीत गाते हुए अनुशासित ढंग से बैरागी द्वीप पहुंचे। यहाँ आठ सेक्टर में बांटे गये करीब डेढ़ किमी की परीधि को शांतिकुंज कार्यकत्र्ता भाई बहिनों सहित विभिन्न प्रशिक्षण व साधना सत्रों में आये साधकों ने फावड़ा, रेती आदि से झाड़ झंखाड, कूड़े-करकट को साफ किया, तो वहीं तीन जेसीबी मशीनों को समारोह स्थल को समतलीकरण के लिए लगाया गया है। श्रमदान, सेवादान प्रात: आठ बजे से प्रारंभ होकर दोपहर एक बजे तक चला।

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