चित्रकूटधाम बनेगा भारत की संस्कृति के प्रदर्शन का अनुपम स्थल : डॉ दिनेश शर्मा
पीएम मोदी एवं सीएम योगी के भगीरथ प्रयत्न ने दिया उत्तर प्रदेश के धार्मिक पर्यटन को नया स्वरूप

लखनऊ। / चित्रकूट। राज्यसभा सांसद एवं यूपी के पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने कहा कि चित्रकूटधाम आने वाले समय में भारत की संस्कृति को प्रदर्शित करने वाला अनुपम स्थल बनेगा। यहाँ पर आस्था और अर्थव्यवस्था का अनूठा मेल देखने को मिलेगा । उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी से आग्रह करने पर उन्होंने और पर्यटन मंत्री जी ने कामदगिरी की आरती स्थल का सौंदर्यीकरण 2 करोड़ 60 लाख से कराये जाने की स्वीकृति दी है
सांसद ने कहा कि पीएम मोदी एवं सीएम योगी के भगीरथ प्रयत्न ने उत्तर प्रदेश के धार्मिक पर्यटन को नया स्वरूप प्रदान किया है। आज देश के लोग विदेश जाने के स्थान पर देश में धार्मिक पर्यटन के लिए जाना पसंद करते हैं। कुम्भ में 66 करोड़ लोगों का जाना इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। कुंभ में गए लोगों ने काशी मथुरा अयोध्या चित्रकूट के भी दर्शन किए थे। यूपी के धार्मिक स्थलों का विकास पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने लगा है। राम नगरी अयोध्या के विकास ने सबको आश्चर्यचकित कर दिया है। देश विदेश में छोटी दीपावली को अयोध्या के दीपोत्सव से जाना जाने लगा है। धार्मिक पर्यटन यूपी की अर्थ व्यवस्था को नया आयाम दे रहा है। लोगों की आमदनी भी बढ़ रही है।
उन्होंने कहा कि काशी, अयोध्या, विंध्याचल, नैमिषारण्य और चित्रकूट में जिस प्रकार का विकास हुआ है उसके बाद यहाँ पर जब जब प्रभु राम और बजरंगबली का पूजन होगा उस समय उनके भक्तो द्वारा पीएम मोदी और सीएम योगी को भी याद किया जाएगा।
डॉ शर्मा ने कहा कि तुलसीदास जी को बजरंग बली श्री हनुमान ने कहा था कि प्रभु राम के जीवन चरित्र का वर्णन अवधी में लिखना है और इसके प्रथम चौपाई को प्रभु राम ने उन्हें अपने शब्द में बताया था। उन्होंने रामचरितमानस में हनुमान जी के बारे में कुछ नहीं लिखा था। जब मुगल बादशाह ने उन्हें गिरफ़्तार किया था तब उन्होंने हनुमान चालीसा को लिखा था। आज जब भी कोई बजरंगबली को याद करता है तो वह हनुमान चालीसा का पाठ करता है। इसके पाठ के लिए कोई तय विधान नहीं है। इसके पाठ से प्रभु भक्त के संकट को दूर करते हैं क्योंकि वे राम के दूत है और बलवान भी हैं। बजरंगबली श्री हनुमान ने गोस्वामी तुलसीदास को प्रभु राम की आज्ञा के बाद उनके चरित्र का वर्णन किया था और तुलसीदास जी ने उसे लिखा था। रामचरितमानस का लेखन चित्रकूट से जुड़ा हुआ है
अयोध्या से चित्रकूट पावन भारत यात्रा आगमन पर चित्रकूट के घाट पर आयोजित विशाल संतों की सभा में मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित होकर सभा को संबोधित किया। बाद में चित्रकूट घाट पर संतो के साथ आरती पूजन में सम्मिलित हुए। जिला के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ काम दगिरि पर्वत की आरती स्थल पर हो रहे निर्माण का अवलोकन किया तथा आचार्य विराट जी द्वारा प्रारंभ की गई आरती कार्यक्रम में सम्मिलित होकर भारी संख्या में उपस्थित साधु संतों की उपस्थिति में सम्मिलित होने वाले श्रद्धालुओं को संबोधित किया।
इस अवसर पर सभा के अध्यक्ष मणिराम छावनी के उत्तराधिकारी पूज्य महंत कमलनयन दास जी महाराज जी, यात्रा के प्रमुख व्यवस्थापक महंत विमल कृष्ण जी महाराज, दिगंबर अखाड़े के महंत दिव्या जीवन दास जी महाराज , पूज्य महंत मदन गोपाल दास जी महाराज, मध्य प्रदेश सरकार के पूर्व शिक्षा मंत्री श्री जयभान सिंह पवैया जी, भाजपा अध्यक्ष श्री महेंद्र कोटार्य जी, पूर्व मंत्री श्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय जी, पूर्व सांसद श्री भैरव प्रसाद मिश्रा जी, मा. विधायक श्री दिनेश मिश्रा जी, नगर पंचायत अध्यक्ष श्री संजीव मिश्रा जी, अयोध्या जनपद के जिला पंचायत अध्यक्ष श्री आलोक कुमार सिंह जी, पूर्व अध्यक्ष श्री चंद्र प्रकाश जी, युवा मोर्चा अध्यक्ष श्री विकास मिश्रा जी आदि उपस्थित रहे।



