
प्रयागराज महाकुंभ ने आस्था और व्यवस्था के कीर्तिमान स्थापित किए है। दुनिया के किसी भी आयोजन में आज तक पैसठ करोड़ श्रद्धालु सहभागी नहीं हुए। इसके अलावा पहले कभी इतने लोगों की व्यवस्था भी कभी एक स्थल पर नहीं की गई। इतना ही नहीं महाकुंभ का प्रभाव काशी अयोध्या तक विस्तृत था। सभी जगह आस्था और व्यवस्था अभूतपूर्व रही। देश में काशी, प्रयागराज और अयोध्या धाम धार्मिक पर्यटन के सबसे बड़े स्वर्ण त्रिकोण गोल्डन ट्रायंगल के रूप में उभरे हैं। इस गोल्डन ट्रायंगल ने प्रसिद्धि, कमाई और श्रद्धालुओं की संख्या के हिसाब से नये कीर्तिमान बनाये हैं। आस्था का यह सैलाब इस पूरे क्षेत्र में है। विंध्याचल, काशी और अयोध्या में नए कीर्तिमान स्थापित हुए। महाकुंभ में संख्या किसी भी धार्मिक, सांस्कृतिक या सामाजिक आयोजन में मानव इतिहास की अबतक की सबसे बड़ी सहभागिता बन चुकी है। इस विराट समागम का अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि दुनिया में केवल भारत और चीन की जनसंख्या ही यहां आने वाले लोगों की संख्या से अधिक है।