मौला इमाम हुसैन ने दुनिया को इन्साफ का रास्ता बताया हजरत नकी अली शाह
आगरा
हज़रत मौला इमाम हुसैन रज़ी अल्लाह ताला अन्हु की यौमे पैदाइश सेब का बजर स्थिति मेवा कतरा में मनाए गई फातिहा पढ़ी गई अकीदत के साथ मौला इमाम हुसैन रजी अल्लाह ताला अन्हा की यौमे पैदाइश माने गए सभी सैयद लकी अली से अकीदत मंद लोगों से कहा कि मौला इमाम हुसैन रजि अल्लाह ताला अन्हा जब दुनिया में तशरीफ लाए उसे समय एडवोकेटभर में अल्लाह तबारक ताला की तरफ से दिन का रहबर दुनिया में आने की खुशी पूरी दुनिया ने मनाई थी
हज़रत इमाम हुसैन रज़ी अल्लाह ताला अन्हा ने अपने नाना जान की उम्मत की खातिर अपना घरभर छोड़ दिया था क्योंकि आपने मौला इमाम हुसैन ने अपने नाना जान मोहम्मद साहब से वह तालीम हासिल की थी गरीब बेशरों की मदद हमेशा करनी चाहिए अपने हक पर कायम रहना चाहिए बुराइयों से लोगों को बचाना चाहिए गलत और सही की राह को पहचान चाहिए सच्चाई का रास्ता अल्लाह का रास्ता होता है बुरे का रास्ता शैतान का रास्ता होता है क्योंकि आप मौला इमाम के पीछे जो लोग लगे थे वाह बुरे लोग इसलिए हजरत मोहम्मद साहब की उम्मत को मौला इमाम हुसैन ने यह बता दिया की सच्ची राह पर ही चलने से अल्लाह तबारक ताला मिलता है अगर हम सभी को अल्लाह तबारक ताला को पाना है तो हमेशा हम सभी सच्ची के रास्ते पर चलेंगे और मौला इमाम हुसैन से मोहब्बत रखेंगे क्योंकि इमाम का घराना ही हम सभी गुनाहगारों को जन्नत दिलाएगा क्योंकि इमाम ही नौजवानों के जन्नत के सरदार हैं इमाम से मोहब्बत रखना हमारा ईमान होना चाहिए हम सभी को अल्लाह तबारक ताला मौला इमाम के घराने से मोहब्बत करने की तौफीक अता फरमाए और अल्लाह तबारक ताला हम सभी को मौला इमाम के घराने की मोहब्बत दिल में रखते हुए दुनिया से रुखसती यानी अपने पास बुलाए कार्यक्रम में मुख्य रूप से साकी खान समीर खान शादाब नियाजी गुड्डु नियाजी मोहम्मद आरिफ अजमल साहब हर्षित अग्रवाल एडवोकेट
आदि लोग शामिल रहे