इमरान खान और पूर्व विदेश मंत्री कुरैशी की बढ़ी मुश्किलें
पाकिस्तान की शीर्ष जांच एजेंसी ने शनिवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के खिलाफ सिफर मामले में आरोप पत्र दायर किया है।
पाकिस्तान की शीर्ष जांच एजेंसी ने शनिवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और पूर्व विेदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को सिफर मामले में दोषी घोषित किया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने देश से संबंधित खुफिया जानकारियों का खुलासा किया था।क्या है मामला?
संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) ने तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के अध्यक्ष इमरान खान और पूर्व विदेश मंत्री कुरैशी के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया। दोनों वर्तमान में न्यायिक रिमांड पर जेल में बंद हैं। इमरान खान को पिछले साल मार्च में वाशिंगटन स्थित देश के दूतावास द्वारा भेजे गए एक गुप्त राजनयिक केबल (सिफर) का खुलासा करके आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम का उल्लंघन करने के आरोप में पिछले महीने गिरफ्तार किया गया था। एफआईए ने अदालत से पीटीआई नेताओं के खिलाफ मुकदमा शुरू करने और उन्हें कानून के अनुसार सजा देने का अनुरोध किया है।
पीटीआई के पूर्व महासचिव असद उमर का नाम एफआईए की आरोपियों की सूची में नहीं है, जबकि पूर्व प्रमुख सचिव आजम खान को इमरान खान के खिलाफ एफआईए के मजबूत गवाह के रूप में पेश किया गया है। एफआईए ने 27 मार्च को दिए गए इमरान खान और कुरैशी के भाषणों को भी अटैच किया है।
मामले में 28 गवाहों की सौंपी सूची
पाकिस्तान ऑब्जर्वर ने कहा, एफआईए ने अदालत में आरोप पत्र के साथ 28 गवाहों की एक सूची भी सौंपी है। इसमें कहा गया है कि गवाहों की सूची में विदेश सचिव असद माजिद, पूर्व विदेश सचिव सोहेल महमूद और अतिरिक्त विदेश सचिव फैसल नियाज तिर्मिज़ी के नाम शामिल हैं।
इससे पहले 26 सितंबर को यह तीसरी बार था जब इमरान खान को रिमांड पर जेल भेजा गया था। उनकी न्यायिक हिरासत को शुरू में 13 सितंबर तक और फिर कुरैशी के साथ 26 सितंबर तक बढ़ा दिया गया था।