एहसास
सुमन अग्रवाल "सागरिका
तेरा मेरा यूँ मिलना अनायास रहा।
साथ बिताए लम्हें मेरे लिए खास रहा।
जब जरूरत पड़ी तेरी किसी मुकाम पर,
तुझे याद कर ये मेरा मन उदास रहा।
जिंदगी भी उम्मीदों पर टिकी होती है,
भले ही प्यार ना मिला पर विश्वास रहा।
जिसे मिलना था क़िस्मत में वो मिला,
फिर भी ख़्वाहिशों का कल्पवास रहा।
कभी ग़म कभी खुशी मिली जिंदगी में,
थोड़ी सी हँसी के लिए सदा प्रयास रहा।
तू मुझसे भले ही कोसों दूर हो मगर,
फिर भी तू मेरे दिल के आस-पास रहा।
तेरी अहमियत क्या है मेरी जिंदगी में,
तेरे दूर जाने के बाद एहसास रहा।