बांझपन भी टीबी का लक्षण, जांच कराएं : सीएमओ
आगरा। यदि आपको दो सप्ताह से अधिक समय से खांसी आ रही है या बुखार की समस्या है, बलगम में खून आता है, भूख कम लगती और वजन तेजी से कम हो रहा है, रात में पसीना आता, गले में कोई गांठ (लिम्फनोड) है। ऐसे में एसीएफ अभियान के दौरान घर पर दस्तक देने वाली स्वास्थ्य विभाग की टीम को जानकारी जरूर दें। आपको टीबी हो सकती है। वह महिलाएं भी अपनी टीबी की जांच कराएं जो बांझपन की समस्या से जूझ रही हैं, ऐसी महिलाओं को भी टीबी होने का खतरा बढ़ जाता है।
शनिवार को कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में सीएमओ डॉ.अरुण कुमार श्रीवास्तव ने यह बातें बताईं। उन्होंने बताया कि जनपद में 9 से 20 सितंबर तक स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक्टिव केस फाइंडिंग (एसीएफ) अभियान चलाया जाएगा। इसके तहत स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर टीबी रोगियों की खोज करेंगी। सीएमओ ने बताया कि क्षय रोग यानि टीबी एक गंभीर बीमारी है। इसके उन्मूलन के लिए भारत सरकार द्वारा वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त भारत की संकल्पना की गई है। इसी क्रम में एसीएफ अभियान के दौरान जनपद आगरा की कुल जनसंख्या लगभग 54 लाख की लगभग 21 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या 11 लाख 55 हजार को मैप किया जाएगा। अभियान के दौरान स्लम, घनी आबादी वाले क्षेत्र, मलिन बस्तियां, हाई रिस्क जनसंख्या (एचआईवी एवं डायबिटीज) अनाथालय, वृद्धाश्रम, नारी निकेतन, बाल संरक्षण गृह, मदरसा, नवोदय विद्यालय, कारागार (जेल), मजदूरों, श्रमिक तथा टीबी मुक्त पंचायत जगहों को चिन्हित करते हुए) पर कार्य किया जाएगा। इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों द्वारा टीबी के संभावित लक्षणों वाले व्यक्तियों की पहचान करते हुये उन्हें लक्षणों के बारे में बताया जायेगा। साथ ही संभावित मरीज के बलगम नमूने एकत्र कर उसकी जांच हेतु निकटतम जांच केन्द्रों पर भेजा जायेगा। जांच में टीबी की पुष्टि होने पर मरीज का गाइडलाइन के अनुसार उपचार किया जायेगा। इस कार्यक्रम में 81 सुपरवाइजरों के साथ 408 टीमें कार्य कर रही हैं। प्रत्येक टीम में 03 सदस्य रखे गये हैं।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. सुखेश गुप्ता ने बताया कि जनपद आगरा राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत लगातार अच्छा कार्य कर रहा है। आगरा टीबी मरीजों को खोजने के मामले में प्रदेश में पहले स्थान पर है। इसके साथ ही निःक्षय पोषण योजना के तहत मरीजों को हर माह डीबीटी के माध्यम से दी जाने वाली 500 रुपये की राशि पहुंचाने के मामले में भी आगरा प्रदेश में चौथे स्थान पर रहा। कुल दस इंडिकेटरों की रैंकिंग को देखा जाए तो पूरे प्रदेश में आगरा टॉप-10 में शामिल है। इस बार एसीएफ में भी हमारे द्वारा अपने श्रेष्ठ प्रदर्शन को दोहराने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि जनपद आगरा में राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अन्तर्गत 26 टीबी यूनिट कार्यरत हैं। प्रत्येक 01 लाख की जनसंख्या पर बलगम की जाँच हेतु 52 माइक्रोस्कोपी केन्द्र स्थापित है, जहाँ पर बलगम की निःशुल्क जाँच व उपचार की सुविधा उपलब्ध करायी जाती है। जिले में करीब 826 ट्रीटमेन्ट सपोर्टरों द्वारा क्षय रोगियों को उनके घर के नजदीक दवा उपलब्ध करायी जाती है।
डीटीओ ने बताया कि जनपद में 04 सीबी नॉट मशीनें उपलब्ध हैं। जिसमें 02 मशीन आईआरएल (एसटीडीसी), 01 मशीन जिला चिकित्सालय, आगरा एवं 01 मशीन जालमा चिकित्सालय में है। इसके अतिरिक्त 15 ट्रूनॉट मशीनें भी स्थापित हैं। ये मशीनें जिला अस्पताल, रेलवे हॉस्पीटल, छावनी अस्पताल, बरौली अहीर, फतेहपुर सीकरी, शमशाबाद, एमसीयू रामबाग, लोहामंडी, एचवीटीसी, जैतपुर कलां, खेरागढ़, एत्मादपुर, फतेहाबाद, पिनाहाट, जगनेर पर हैं। जहाँ पर ड्रग रेजिस्टेंट रोगियों की जाँच कर की जाती हैं। जाँच में ड्रग रेजिस्टेंट पाये जाने पर रोगी को को नोडल डीआरटीबी सेन्टर क्षय एवं वक्ष रोग विभाग, एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कर निःशुल्क उपचार उपलब्ध कराया जाता है।
डीटीओ ने जानकारी देते हुए कहा कि वर्ष 2024 में जनपद आगरा में आज दिनांक तक पब्लिक क्षेत्र के 9167 मरीज एवं प्राईवेट क्षेत्र के 18705 मरीज कुल 20961 निःक्षय पोर्टल पर रजिस्टर्ड हैं। जोकि जनपद का टीबी नोटिफिकेशन लक्ष्य से अधिक 112 प्रतिशत है।
डीटीओ ने बताया कि प्राइवेट क्षेत्र के चिकित्सकों एवं चिकित्सालयों को भी रजिस्टर्ड कराया गया है। ताकि यहाँ पर उपचार ले रहे रोगियों को भी निःक्षय में रजिस्टर्ड कर प्रत्येक टीबी मरीज को भारत सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं का लाभ प्रदान किया जा रहा है।
कार्यक्रम में उप जिला क्षय रोग अधिकारी सहित समस्त एनटीईपी जिला स्तरीय समन्वयक उपस्थित रहे।
एक नजर पिछले एक्टिव केस फाइंडिंग अभियानों के आंकड़ों पर
वर्ष संभावित क्षय रोगियों की जांच खोजे गये टीबी मरीज
2022 2946 238
2023 9611 714
संभावित क्षय रोगियों को खोजे जाने हेतु क्षय रोग के लक्षण
-दो सप्ताह से अधिक खाँसी
-दो सप्ताह से अधिक बुखार
-बलगम में खून आना
-भूख में कमी
-वजन का कम होना
-रात में पसीना आना
-गले में गांठ (लिम्फनोड)
-महिलाओं में बांझपन की समस्या इत्यादि ।
अधिक जानकारी के लिये सम्पर्क करें राष्ट्रीय टोल फ्री नम्बर 1800116666