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‘जय श्रीराम’ का धार्मिक नारा लगाना अपराध कैसे : सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि ‘जय श्रीराम’ का नारा लगाना कैसे आपराधिक कृत्य है? कोर्ट ने यह कर्नाटक हाईकोर्ट के उस फैसले पर सुनवाई के दौरान पूछा, जिसमें मस्जिद में ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाने के आरोप में दो लोगों पर दर्ज मुकदमा रद्द कर दिया गया था। कोर्ट ने कहा कि धार्मिक नारा लगाना अपराध कैसे हो सकता है और आरोपियों की पहचान किस आधार पर की गई? कर्नाटक सरकार से जवाब मांगा गया है। न्यायमूर्ति पंकज मिथल, संदीप मेहता की पीठ ने सुनवाई के दौरान अपीलकर्ता से कहा कि ‘वे एक विशेष धार्मिक नारा लगा रहे थे या नाम ले रहे थे। यह अपराध कैसे है? पीठ ने अपीलकर्ता से यह भी पूछा कि मस्जिद के अंदर आकर कथित तौर पर नारे लगाने वाले व्यक्तियों की पहचान कैसे की गई?’ सुप्रीम कोर्ट ने अपीलकर्ता से कहा कि आप लोग ऐसे मामले आगे क्यों ले जाते हैं।

धर्म संसद पर तत्काल सुनवाई को मेल भेजें
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गाजियाबाद में धर्म संसद के खिलाफ याचिका दायर करने वाले पूर्व नौकरशाहों से सोमवार को कहा कि वे तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए ईमेल भेजें। याचिकाकर्ताओं के वकील प्रशांत भूषण ने सीजेआई संजीव खन्ना की पीठ से कहा कि याचिका तत्काल सूचीबद्ध किए जाने की जरूरत है, धर्म संसद मंगलवार से शुरू होगी।

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