सनातन गौरव
गोरखपुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बारह जनवरी को वैश्विक मंच पर भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक छवि, भारत की आध्यात्मिक विरासत, सनातन धर्म की वैदिक परम्पराओं को स्थापित करने वाले स्वामी विवेकानन्द की पावन जयन्ती है। इसके अलावा गोरखपुर महोत्सव से हम सभी को जुड़ने का अवसर प्राप्त हो रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने सरस्वती शिशु मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में स्वामी विवेकानन्द की जयंती ‘युवा दिवस’ पर स्वामी विवेकानन्द जी की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद विद्यालय के पूर्व छात्रों के सम्मेलन को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानन्द जी ने उस कालखण्ड में जब देश गुलामी की बेड़ियों में जकड़ा हुआ था, वैश्विक पटल पर सनातन वैदिक संस्कृति को प्रभावी ढंग से प्रतिष्ठित किया। इस युवा सन्यासी ने अपने विचारों और आचरण की सभ्यता से राष्ट्र के प्रति चेतना जागृत करने में बड़ी भूमिका निभाई। महज बयालीस वर्ष की उम्र में काया को छोड़ देने वाले स्वामी विवेकानन्द ने सदैव भारत और भारतीयता की बात की। उनकी जयंती पर आज पूरा देश उन्हें भारत माता के महान सपूत और राष्ट्रीय-आध्यात्मिक गुरु के रूप में याद कर उनके योगदान के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित कर रहा है। स्वामी विवेकानन्द ने शिकागो सम्मेलन में जब भारतीय सनातन मूल्यों को वैश्विक मंच पर रखा, तो दुनिया मंत्रमुग्ध और भाव विभोर हो गई। स्वामी जी ने कहा था कि सनातन धर्म सबसे प्राचीन धर्म है। हर भारतवासी को इस पर गौरव की अनुभूति करनी चाहिए। स्वामी जी की शिक्षा है कि हम सबका एक ही धर्म होना चाहिए, राष्ट्रधर्म।