
आगरा। ताजनगरी में नकली दवाओं के खिलाफ चले अभियान में 10वें दिन रविवार तक कुल 70 करोड़ रुपये की दवाएं सीज की गई हैं। साथ ही 10 नमूने लिए गए हैं। दवाइयां संबंधित फर्मों के गोदाम में ही सील की गई हैं। यह औषधि विभाग के कब्जे में हैं।औषधि विभाग के अफसरों ने बताया कि 22 अगस्त को टेंपो में एलेग्रा-120 टैबलेट जब्त की गई थीं। इनकी कीमत करीब 80 लाख रुपये थी। एक नमूना लिया गया। इस मामले में हिमांशु अग्रवाल, यूनिस, वारिस, फरहान के अलावा विक्की कुमार लखनऊ, सुभाष कुमार लखनऊ के खिलाफ कोतवाली में बीएनएस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया। जबकि हे मां मेडिको के संचालक हिमांशु अग्रवाल को एक करोड़ रुपये की रिश्वत देने के आरोप में जेल भेजा गया। इसी फर्म से सन फार्मा की रोसुवास-20, रोसुवास-40 और एलेग्रा-120 के 14 नमूने लिए गए। करीब 2.20 करोड़ रुपये की दवाएंसीज की गईं। हिमांशु का गोदाम सील कर दिया गया है। इसमें करीब 60 करोड़ रुपये की दवाओं का भंडार है। इस मामले में एक और मुकदमा दर्ज कराया, जिसमें दवाएं भेजने वाली मीनाक्षी फार्मा पुडुचेरी के मालिक एके उर्फ राजा को नामजद किया गया। श्रीराधे मेडिकल एजेंसी मोतीकटरा फरार हो गया। उसके गोदाम के प्रथम और द्वितीय तल में करीब 10 करोड़ रुपये की दवाएं सीज की गई हैं। इस तरह कुल 70 करोड़ की दवाइयां सीज हैं।
बंसल ने 55 करोड़ की नकली दवाएं बेचींः
बंसल मेडिकल एजेंसी, अब तक की कार्रवाई बंसल की तीनों फर्मों ने 1.0689 करोड़ रुपये को अवैध डेबिट नोट खातों में डाला तीनों फमों का कुल नेट प्राफिट 9.4889 करोड़ रुपये है, करीब 17 फीसदी शुद्ध लाभ करीब 4.50 लाख की इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस भी सील की गई एमएसवी मेडी प्वाइंट, ताज मेडिको की जांच में पता चला कि नकली दवाओं को फर्जी कागजातों के जरिए असली के रूप में बेचा गया। तीनों फर्मों ने एक अप्रैल से 22 अगस्त 2025 तक 55.5 करोड़ रुपये की दवाइयां बेची हैं। इनकी बिक्री का एक करोड़ रुपया अवैध डेबिट खातों में डाला गया है। नौ करोड़ रुपये शुद्ध मुनाफे का पता चलाः जांच के मुताबिक तीनों फर्मों के डेबिट नोट से उनके शुद्ध मुनाफे का पता चला है। यह करीब 9.4889 करोड़ रुपये आंका गया है।
कारोबारियों की संम्पति पर बाबा का बुलडोज़र बना चर्चा का विषय
नकली दवा के कारोबार से खरीदी गयी संम्पति को लेकर लोगों में सीएम योगी के बुलडोज़र चर्चा का विषय बना हुआ है।