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सूरसदन में आयोजित हुआ सहज मिल्क का ‘लखपति दीदी सम्मान समारोह’

आगरा। सुरसदन में आयोजित सहज मिल्क प्रोड्यूसर आॅगेर्नाइजेशन, आगरा ने ‘लखपति दीदी सम्मान समारोह’ का आयोजन किया। इसमें उन महिला डेयरी किसानों (लखपति दीदियों) को सम्मानित किया गया, जिन्होंने संगठन से जुड़कर दूध बिक्री से एक लाख रुपये से अधिक कमाए। यह कार्यक्रम महिलाओं के सशक्तिकरण का प्रतीक था और इसने दिखाया कि संगठित डेयरी खेती ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता और सम्मान कैसे दिला सकती है।
कार्यक्रम की मुख्य आकर्षण था इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) मिल्क डिलीवरी वैन का शुभारंभ, जिसे भारत सरकार के मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के राज्य मंत्री प्रो. एस. पी. सिंह बघेल ने हरी झंडी दिखाकर शुरू किया। उनके साथ डॉ. मीनेश शाह (चेयरमैन, एनडीडीबी और एनडीडीबी डेयरी सर्विसेज) और डॉ. सी. पी. देवानंद (मैनेजिंग डायरेक्टर, एनडीडीबी डेयरी सर्विसेज) मौजूद रहे।
ईवी मिल्क वैन की शुरूआत डेयरी सप्लाई चेन में सतत (सस्टेनेबल) प्रथाओं की ओर बड़ा कदम है। ये वैन पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता कम करके कार्बन फुटप्रिंट घटाने और पर्यावरण संरक्षण में योगदान देंगी। यह पहल भारत के जलवायु लक्ष्यों से मेल खाती है और डेयरी क्षेत्र की ईको-फ्रेंडली तकनीक अपनाने की प्रतिबद्धता को दिखाती है।
कार्यक्रम में लखपति दीदियों का सम्मान और ईवी वैन का शुभारंभ, दोनों ने इस बात पर जोर दिया कि ग्रामीण महिलाओं का सशक्तिकरण और पर्यावरणीय स्थिरता, दोनों ही सहज के काम का मुख्य हिस्सा हैं। महिलाओं की सफलता की कहानियां आत्मनिर्भरता और उद्यमिता की प्रेरणा देती हैं, वहीं हरित तकनीक (ग्रीन लॉजिस्टिक्स) की पहल एक मजबूत और टिकाऊ डेयरी इकोसिस्टम बनाने की दिशा में सहज और उसके साझेदारों की प्रगतिशील सोच को दर्शाती है।

सहज मिल्क के बारे में: सहज दुग्ध उत्पादक संस्था

उत्तर प्रदेश के आगरा में स्थित सहज एक किसान-स्वामित्व वाली कंपनी है, जिसे कंपनी एक्ट 2013 के तहत भारत सरकार की नेशनल डेयरी प्लान-क योजना के अंतर्गत स्थापित किया गया। इस संगठन को विश्व बैंक से वित्तीय सहायता और एनडीडीबी डेयरी सर्विसेज से तकनीकी सहयोग मिला। 12 दिसंबर 2014 से संचालन शुरू करने के बाद से सहज का उद्देश्य ग्रामीण आजीविका को डेयरी के माध्यम से मजबूत करना और किसानों की आय बढ़ाकर उन्हें मुख्यधारा की अर्थव्यवस्था से जोड़ना है।
आज सहज उत्तर प्रदेश के 19 जिÞलों के 5,200 गांवों में 1,32,515 डेयरी किसानों को जोड़ चुका है। इनमें से 63,906 महिलाएं हैं, जो पशुपालन और आय सृजन में अहम भूमिका निभा रही हैं। महिलाओं को समान अवसर देकर सहज ग्रामीण भारत में महिला सशक्तिकरण में योगदान दे रहा है।
सहज हर दिन औसतन 5,28,000 किलो दूध किसानों से इकट्ठा करता है और दूध की बिक्री से हुई आय का 86% से अधिक सीधे किसानों को लौटाता है। भुगतान हर 10 दिन में सीधे बैंक खाते में किया जाता है, जिससे तेजी, पारदर्शिता और भरोसा सुनिश्चित होता है। इससे किसान औपचारिक बैंकिंग प्रणाली से जुड़े और उन्हें केंद्र व राज्य सरकार की अन्य योजनाओं का भी लाभ मिला। बैंकिंग संस्थानों के सहयोग से किसानों को 80 करोड़ रुपये किसान क्रेडिट कार्ड के तहत दिए गए, जिससे 8,165 नए पशु खरीदे गए और दूध उत्पादन व किसानों की कमाई में सीधा इजाफा हुआ।
सहज की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है इसके ‘लखपति सदस्य’। बीते वित्तीय वर्ष में ही 11,038 महिला किसान सदस्य ‘लखपति दीदी’ बनीं, यानी उन्होंने दूध आपूर्ति से एक लाख रुपये या उससे अधिक कमाए। यह ग्रामीण महिलाओं की बढ़ती आर्थिक स्वतंत्रता और सफलता का उदाहरण है।
दूध संग्रह में निष्पक्षता और सटीकता लाने के लिए सहज पूरी तरह आॅटोमेटेड और पासवर्ड-प्रोटेक्टेड सिस्टम का इस्तेमाल करता है। सदस्य ‘एस-कनेक्ट’ मोबाइल ऐप के जरिए अपने दूध का रिकॉर्ड, भुगतान और पशु देखभाल से जुड़ी जानकारी आसानी से देख सकते हैं।
पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान देते हुए सहज ने एनडीडीबी और एनडीडीबी डेयरी सर्विसेज के साथ मिलकर अब तक 82 बायोगैस प्लांट लगाए हैं और लक्ष्य है 5,000 प्लांट लगाने का। ये प्लांट रसोई के लिए स्वच्छ ऊर्जा, जैविक खाद और रसायनिक खाद पर निर्भरता कम करने में मदद करते हैं।
पशुओं की उत्पादकता बढ़ाने के लिए 2024-25 में सहज ने 6,82,000 कृत्रिम गभार्धान किए और अब तक कुल 32,80,000 पूरे कर चुका है। इसके अलावा, किसानों को 68,307 मीट्रिक टन पशु चारा, 783 मीट्रिक टन मिनरल मिक्सचर और 157 मीट्रिक टन हरे चारे के बीज उपलब्ध कराए।
तकनीकी सुधार के लिए दूध की जाँच एमबी स्कैन, मिल्कोस्क्रीन और एमबी राइट से की जाती है। दूध टैंकरों में जीपीएस और डिजिटल लॉक लगाए जाते हैं। किसानों को घर-घर पशु चिकित्सक सेवा मिलती है और एक चैटबॉट के जरिए शिकायतें जल्दी सुलझाई जाती हैं।
कृषि और चारा उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए सहज ने शक्ति फॉडर एंड एग्री प्रोड्यूसर कंपनी बनाई है। वर्ष 2024-25 में इस संगठन ने 300 सदस्य जोड़े, लगभग 64 लाख रुपये का कारोबार किया और 2.39 लाख रुपये का लाभ कमाया। हर सदस्य को 3 किलो ज्वार का बीज मुफ्त दिया गया। उच्च गुणवत्ता वाले चारे के बीज कम दाम पर उपलब्ध कराए गए और किसानों को हरे चारे से साइलेंज बनाने का प्रशिक्षण दिया गया।
वर्ष 2024-25 में सहज का कारोबार 1012.76 करोड़ रुपये रहा। स्थापना से अब तक कुल कारोबार 8231.85 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जिसमें से 7043.14 करोड़ रुपये दूध भुगतान और 58 करोड़ रुपये डिविडेंड के रूप में सीधे किसानों के खातों में दिए गए।

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