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कक्ष निरीक्षकों को कम पारिश्रमिक देने पर आगरा कॉलेज में हंगामा

आगरा। पीसीएस परीक्षा में सम्पन्न कराने के आगरा कॉलेज में माध्यमिक शिक्षा एवं बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों की कक्ष निरीक्षकों के रूप ड्यूटी लगाई गई थी। आयोग की तरफ से कक्ष निरीक्षक के लिए ट्रेनिंग एवं परीक्षा ड्यूटी के लिए 1500 रूपये निर्धारित थे लेकिन आगरा कॉलेज में 1250 रूपये दिए गए। डॉ वी पी सिंह चौहान जिला मंत्री माध्यामिक शिक्षक संघ (पांडेय गुट) भी कक्ष निरीक्षक के रूप में आगरा कॉलेज में ड्यूटी लगी थी। जब उन्होंने अपने अन्य साथी जो अन्य कॉलेज में ड्यूटी कर रहे थे से पारिश्रमिक के बारे में जानकारी ली तो पता चला कि वहां 1500 रूपये मिले हैं। आगरा कॉलेज में 1250 रूपये दिया जा रहा है। इस पर वी पी सिंह चौहान एवं उनके साथी डॉ जसवंत सिंह चौहान वरिष्ठ उपाध्यक्ष, दिनेश चंद्र गुप्ता प्रदेश कार्यकरिणी सदस्य माध्यमिक शिक्षक संघ आदि ने विरोध शुरू कर दिया। एक घण्टे के हंगामे के बाद एसडीएम एवं डीआईओएस के आदेश पर कुछ कक्ष निरीक्षकों को पूरा मानदेय दिया जबकि बहुत सारे लोग घर जा चुके थे।
विरोध करने वालों में मुख्य रूप से नीतू सिंह, भावना जैन, रमाकांत त्यागी, अरूण दिवाकर, अनुज विश्वकर्मा, आफसान वी, अश्विनी कुमार, श्वेता, अरूण सिंह, विजयपाल नरवार आदि मौजूद रहे।
डॉ वी पी सिंह चौहान जिला मंत्री , माध्यमिक शिक्षक संघ (पांडेय गुट) का कहना है कि आगरा कॉलेज में हर बार यही नाटक रहता है।हर बार ड्यूटी मानदेय एक सप्ताह बाद दिया जाता रहा है जबकि अन्य कॉलेजों में परीक्षा समाप्ति के बाद ही मिल जाता है। इस बार तुरन्त दिया गया तो कम दिया गया।

जसवंत सिंह जादौन, जिला उपाध्यक्ष का कहना है कि आयोग की तरफ़ से 12 परीक्षार्थी पर एक निरीक्षक की नियुक्ति का आदेश है और उसी हिसाब से आयोग से पारिश्रमिक आता है जबकि आगरा कॉलेज में 24 परीक्षार्थियों पर एक कक्ष निरीक्षक नियुक्त किया जाता है।

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