आगराउत्तर प्रदेश

सीता रानी हमारी सरकार हमें डर काहे कौ.. जनकपुरी महिला समिति द्वारा आयोजित अलौकिक कार्यक्रम में उमड़ा भक्तिरस का सागर

आगरा। सीता रानी हमारी सरकार हमें डर काहे कौ.. रघुपति राघव राजा राम पतीत पावन सीताराम.. एक दो तीन चार, राम जी की जय जयकार… इक्कीस, बाइस, तेइस, चौबीस, राम जी हमारी चॉइस…
ऐसे समधुर भजनों के साथ कमला नगर स्थित पावन कावेरी मंदिर का प्रांगण शुक्रवार शाम प्रभु श्रीराम और माता सीता की भक्ति से आलोकित हो उठा। जनकपुरी महिला समिति के तत्वावधान में आयोजित भव्य भजन संध्या ने ऐसा दिव्य वातावरण रचा कि उपस्थित हर एक श्रद्धालु भाव-विभोर हो उठा।
जैसे ही वाद्य-यंत्रों की मधुर तान के साथ “राम नाम” की गूँज उठी, मंदिर परिसर स्वर्गीय आभा से आलोकित हो गया। लाल और पीले परिधानों में सजधज कर जब मिथिला नगरी की महिला श्रद्धालु भक्ति-भाव से भजनों की ताल पर झूमीं तो मानो स्वयं जनकपुरी महोत्सव की झलक साकार हो उठी। हर भजन के साथ श्रद्धालु गहन ध्यान और आनंद में डूबते चले गए।
समिति की अध्यक्ष सीमा अग्रवाल, सचिव प्रियंका अग्रवाल, कोषाध्यक्ष मीनू त्यागी, सह-कोषाध्यक्ष श्वेता बंसल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष चारु गर्ग, उपाध्यक्ष अंजू जी, सोनिया शर्मा, मोहिनी गोयल, रिचा मांगलिक, साधना अग्रवाल, नीलम अग्रवाल, वीना अग्रवाल और मोनिका अग्रवाल ने अपनी सक्रिय उपस्थिति और सहभागिता से कार्यक्रम को भव्यता प्रदान की।
अध्यक्ष सीमा अग्रवाल ने अपने भावपूर्ण उद्गार में कहा कि भजन संध्या ने जनकपुरी की मिट्टी को भक्ति-रस से सराबोर कर दिया। यहाँ गाए गए प्रत्येक भजन ने न केवल प्रभु श्रीराम-सीता की महिमा का गुणगान किया, बल्कि समाज में प्रेम, सद्भाव और एकता का संदेश भी दिया। ऐसे आयोजन जनकपुरी को केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक धरोहर से भी समृद्ध बनाते हैं।
समिति की समर्पित सदस्याएँ शिवाली, सीमा, रिचा, रेखा, अनीता, अर्चना, ऋतु, निशा और गीता ने पूरे भक्ति-भाव से सहभागिता की। उनके प्रयासों से मंदिर परिसर पुष्पों, दीपों और भजनों की मधुर ध्वनि से सुसज्जित होकर एक दिव्य आभा से आलोकित हो उठा।
कावेरी मंदिर समिति की ओर से गीता अग्रवाल, सीमा अग्रवाल, अर्चना अग्रवाल, ऋचा अग्रवाल, शिवाली अग्रवाल, आस्था अग्रवाल, मीणा पंधीजा, मीरा गुप्ता, रेखा श्रोत्रिय, साधना तिवारी, ऋतु अग्रवाल, आशा अग्रवाल और शारदा अग्रवाल प्रमुख रूप से मौजूद रहीं।
भजन संध्या के समापन पर मंदिर परिसर “राम-नाम” के गगनभेदी जयघोषों से गुंजायमान हो उठा। दीपों की ज्योति, पुष्पों की सुगंध और भक्ति की गंगा में डूबे श्रद्धालुओं ने प्रभु श्रीराम और माता सीता के चरणों में अपनी श्रद्धा अर्पित की। यह पावन संध्या सभी के लिए अविस्मरणीय और अनुपम स्मृति बन गई।

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