शिक्षकों का वेतन लेट करने वाले दोषियों पर कार्यवाही की मांग

आगरा। जनपद आगरा के बेसिक शिक्षकों ने जिलाधिकारी आगरा के माध्यम से मुख्यमंत्री जी को पत्र लिखकर दोषियों पर कार्यवाही की मांग की
तीन बिंदुओं पर जॉच की मांग कर दोषियों पर कार्यवाही की मांग।
शासन के स्पष्ट निर्देश के बाबजूद शिक्षकों को नहीं मिल रहा समय पर वेतन।
शिक्षकों ने मांग की कि उन्हें हर माह बिल्म्ब से वेतन मिलता है जिसकी वजह से उनकी ईएमआई बाउंस होती हैं।इससे बैंक में उनकी छवि खराब हो रही और पेनल्टी भी देनी पड़ती है।
जबकि शासन से माह की पहली तारीख को ही वेतन देने का स्पष्ट निर्देश हैं तीन बिंदुओं पर जांच की मांग की।
प्रथम बिंदु के अनुसार ब्लॉक स्तर महीने की 25 तारीख के बाद वेतन संशोधन बिल भेजने वाले बिल बाबू/खंड शिक्षा अधिकारियों की जॉच।
दूसरा, लेखा कार्यालय से वेतन बिल ट्रेजरी ऑफिस को महीने की 29 तारीख तक भेजा जा रहा है अथवा नहीं
तीसरा, बिना तथ्यपूर्ण कारण के ट्रेजरी से बिल वापस करने अथवा वेतन भुगतान में एक दिन से ज्यादा समय लगने की जॉच।
विजयपाल नरवार एवं जनपद के समस्त शिक्षकों ने उपरोक्त बिंदुओं पर जॉच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग मुख्य्मंत्री से की है।
हरिओम यादव जिला मंत्री प्राथमिक शिक्षक संघ आगरा का कहना है कि जनपद में माध्यमिक शिक्षकों को सितम्बर माह की सैलरी 30 सितम्बर को ही मिल चुकी है और उनकी हर महीने समय पर आती है। लेकिन बेसिक के शिक्षकों की सैलरी का अभी तक कोई अता पता नहीं है। हर महीने यही कहानी रहती है। जनपद आगरा में बेसिक के शिक्षकों को हर माह सैलरी लेट मिलती है।
बेसिक के शिक्षकों की सैलरी देने के सम्बंध में महानिदेशक स्कूल शिक्षा लखनऊ के दिशा निर्देश के अनुसार विद्यालय स्तर पर शिक्षकों की अटेंडेंस लॉक करने का समय महीने की 21 से 23 तारीख के मध्य होता है। उसके बाद 25 तारीख तक ब्लॉक के समस्त विद्यालयों के उपस्थिति पत्रक की एक प्रति के साथ वित्त एवं लेखा कार्यालय को प्रेषित किया जायगा। उसके बाद लेखा कार्यालय 26 से 29 तारीख के बीच में वेतन बिल सम्बन्धी समस्त कार्यवाही करके बिल कोषागार को भेज देगा जिससे शिक्षकों को महीने की पहली तारीख को वेतन मिल सके।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा लखनऊ के वर्ष 2023 के आदेश जिसमें शिक्षकों को महीने की पहली तारीख को वेतन देने संबधी स्पष्ट निर्देश हैं। इसके बाबजूद आज तक जनपद आगरा में पहली तारीख को बेसिक के शिक्षकों को वेतन नहीं मिला। हर महीने वेतन लेट होता है।