उत्तराखंड

शांतिकुंज एवं देसंविवि में दीपावली उत्साहपूर्वक मनाई गई

हरिद्वार। गायत्री तीर्थ शांतिकुंज एवं देवसंस्कृति विश्वविद्यालय परिसर में दीपावली का पर्व उत्साह, श्रद्धा और वैदिक  परंपरा के साथ मनाया गया। इस अवसर पर शांतिकुंज की बहिनों ने पूरे परिसर को आकर्षक रंगोलियों एवं दीपों से भव्य रूप से सजाया गया।
मुख्य कार्यक्रम में अखिल विश्व गायत्री परिवार के प्रमुख श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या एवं संस्था की अधिष्ठात्री श्रद्धेया शैल दीदी ने वैदिक विधि-विधान से बहीखाता पूजन किया। वेदमाता गायत्री ट्रस्ट के ट्रस्टी एवं लेखा विभाग प्रभारी श्री हरीश ठक्कर ने भी बही खातों का पूजन किया। कार्यक्रम का संचालन शांतिकुंज के संस्कार प्रकोष्ठ के आचार्यों द्वारा किया गया।
इस अवसर पर अपने संदेश में अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख डॉ. प्रणव पण्ड्या ने कहा कि दीपावली प्रकाश एवं पवित्रता का प्रतीक पर्व है, जो हमें अपने घरों, कार्यस्थलों एवं अंत:करण को स्वच्छ एवं दिव्य बनाए रखने का संदेश देता है। उन्होंने कहा कि माँ लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने हेतु हमें अपने विचार, आचरण एवं जीवनशैली को शुद्ध बनाना चाहिए। संस्था की अधिष्ठात्री श्रद्धेया शैलदीदी ने अपने संदेश में कहा कि दीपक केवल एक ज्योति नहीं, बल्कि सेवा, स्नेह और आत्म-प्रकाश का प्रतीक है। हमें दूसरों के जीवन से अंधकार हटाने में अपनी प्रतिभा एवं संसाधनों का एक अंश समर्पित करना चाहिए। यही दीपावली की सच्ची साधना है।
शांतिकुंज परिवार द्वारा यह पर्व धार्मिक उत्सव के साथ ही संस्कार, सेवा और आत्मविकास के संकल्प के साथ मनाया गया। इस दौरान देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति व युवा प्रतिनिधि डॉ चिन्मय पण्ड्या, श्रीमती शैफाली पण्ड्या, श्री हरीश भाई ठक्कर, श्री शिवप्रसाद मिश्र, श्री योगेन्द्र गिरि सहित देश विदेश से आये हजारों साधक मौजूद रहे।

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