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एंबुलेंस कर्मियों की सूझबूझ से बची नवजात की जान, सुरक्षित पहुंचाया अस्पताल

परिजनों व डॉक्टरों ने की प्रशंसा, सीएमओ द्वारा दिया जाएगा प्रशस्ति पत्र

मैनपुरी। 108 एंबुलेंस सेवा में तैनात ईएमटी विमलेश कुमार व पायलट उत्कर्ष पाठक की सूझबूझ के कारण एक नवजात की जान बचाई जा सकी। दोनों एंबुलेंस कर्मियों ने न केवल नवजात को अस्पताल पहुंचाया बल्कि सांस लेने में तकलीफ होने पर फोन कॉल के माध्यम से लखनऊ कंट्रोल रूम से डॉक्टर के निर्देशों के अनुसार बच्चे के मुंह से सीक्रेशन को सक्शन करते हुए ऑक्सीजन की मात्रा को नियंत्रित किया व नवजात की सांस लगातार चलती रही और नवजात सफलतापूर्वत अस्पताल पहुंच गया।
दरअसल, जनपद मैनपुरी के मोहल्ला बंसी गोहरा निवासी अखिलेश की पत्नी माधुरी ने जिला अस्पताल मैनपुरी में एक नवजात शिशु को जन्म दिया। जन्म के कुछ ही समय बाद बच्चे को अचानक सांस लेने में परेशानी होने लगी। स्थिति गंभीर होती देख डॉक्टरों ने बच्चे को पीजीआई सैफई, इटावा रेफर कर दिया।

परिजनों ने तत्काल 108 एम्बुलेंस सेवा पर कॉल किया। सूचना मिलते ही एम्बुलेंस समय पर मौके पर पहुंच गई। एम्बुलेंस में तैनात ईएमटी विमलेश कुमार और पायलट उत्कर्ष पाठक ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बच्चे को ऑक्सीजन सपोर्ट पर लिया। बच्चे की स्थिति को देखते हुए ईएमटी विमलेश ने लखनऊ ईआरसीपी के डॉ. राकेश से टेली-कम्युनिकेशन के माध्यम से सलाह ली और उनके निर्देशानुसार बच्चे के मुंह से सीक्रेशन को सक्शन किया तथा ऑक्सीजन की मात्रा को नियंत्रित किया। उनकी कुशलता से बच्चे की सांस सामान्य हो गई और उसे पीजीआई सैफई, इटावा में सुरक्षित भर्ती कराया गया।

परिजनों और डॉक्टरों ने 108 एम्बुलेंस सेवा की त्वरित प्रतिक्रिया और स्टाफ की पेशेवर कुशलता की प्रशंसा की। स्टाफ की प्रशंसा करते हुए मैनपुरी के ग्रीन हेल्थ सर्विस के प्रोग्राम मैनेजर अभिषेक कुमार ने कहा कि हमारी एंबुलेंस टीम — ईएमटी एवं पायलट ने इस नवजात शिशु केस में अपनी त्वरित, संवेदनशील एवं उत्कृष्ट सेवा का प्रदर्शन किया है।

दोनों ने अपनी सूझबूझ, टीमवर्क और जिम्मेदारी के प्रति समर्पण दिखाते हुए मरीज के जीवन की रक्षा में अहम भूमिका निभाई। यह कार्य न केवल उनकी पेशेवर दक्षता को दर्शाता है, बल्कि हमारी संस्था की सेवा भावना और मिशन को भी सशक्त बनाता है। उन्होंने बताया कि प्रबंधन टीम द्वारा दोनों एंबुलेंस कर्मियों के इस सराहनीय कार्य के लिए प्रशंसा राशि स्वीकृत की गई है, जो सीधे उनके बैंक खातों में जमा की जाएगी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा उन्हें प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा
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जनपद में 102 एबुलेंस सेवा की 27 एंबुलेंस गर्भवती महिलाओं व दो वर्ष तक के बच्चों को घर से अस्पताल ले जाने व अस्पताल से घर ले जाने के लिए निशुल्क सेवाएं प्रदान कर रही हैं। वहीं, 108 एंबुलेंस सेवा की 24 एंबुलेंस किसी भी प्रकार की आपात स्थिति में मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाती हैं व रेफर करने की स्थिति में एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल तक पहुंचाने का कार्य कर रही हैं। सभी एंबुलेंस कर्मियों को समय-समय पर प्रशिक्षण दिया जाता है, जिससे कि वह मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं दिलाने में अहम भूमिका निभा सकें।

डॉ. आर.सी. गुप्ता, मुख्य चिकित्सा अधिकारी मैनपुरी।

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