उत्तर प्रदेशलखनऊ

बसंत उत्सव का संदेश

डॉ दिलीप अग्निहोत्री

लखनऊ। राज्य सूचना आयुक्त ने कहा कि माता सरस्वती की कृपा से ही भारत को विश्वगुरु की प्रतिष्ठा मिली। आज भी प्रयागराज महाकुंभ में लघु विश्व को देखा जा सकता है। भारतीय उत्सवों और चिंतन के प्रति दुनिया का आकर्षण बढ़ा है। राज्य सूचना आयुक्त जागरूक नागरिक कल्याण समिति गोपालनगर रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोशिएशन द्वारा बसंत पंचमी उत्सव में बतौर मुख्य अतिथि विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारतीय चिंतन विविधता में भी एकत्व संदेश देता है। हमारी संस्कृति का आचरण सद्भाव पर आधारित है। हमारे बीच सामाजिक समरसता का भाव रहना चाहिए। उपासना पद्धति में अंतर होने से भी इस विचार पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए। भारत में तो प्राचीन काल से सभी मत पंथ व उपासना पद्धति को सम्मान दिया गया। सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयः ही भारत की विचार दृष्टि है। निःस्वार्थ सेवा और सामाजिक समरसता भारत की विशेषता रही है। सेवा कार्य में कोई भेदभाव नहीं होता। दर्शन में किसी सम्प्रदाय से अलगाव को मान्यता नहीं दी गई। विविधता के बाद भी समाज एक है। भाषा,जाति, धर्म,खानपान में विविधता है। उनका उत्सव मनाने की आवश्यकता है।

सेवा समरसता आज की आवश्यकता है। इस पर अमल होना चाहिए। इसी से श्रेष्ठ भारत की राह निर्मित होगी। भारत की प्रकृति मूलतः एकात्म है और समग्र है। अर्थात भारत संपूर्ण विश्व में अस्तित्व की एकता को मानता है।

Share this post to -

Related Articles

Back to top button