लेख
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“चिंतन की गहराई बनाम शुभचिंतन की भावनाएँ: यथार्थ व सत्य की खोज एवम् भावना का संगम व संवेदना की रक्षा का द्वंद्व”
मनुष्य के मस्तिष्क और हृदय के बीच चल रही पुरातन खींचतान को अगर कोई नाम देना हो, तो वह “चिंतन”…
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सफलता के मायने: समाज-सेवा, राष्ट्रवाद व राजनीतिक प्रभाव का त्रिवेणी संगम के साथ-साथ सामाजिक जड़ों से सत्ता के शिखर तक की यात्रा
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) भारतीय सामाजिक-राजनीतिक परिदृश्य का वह संगठन है, जिसने स्वतंत्रता-उत्तर भारत की वैचारिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक दिशा…
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एपीजे अब्दुल कलाम: सादगी, मानवतावादी, देशप्रेमी, चरित्र निर्माण और आत्मनिर्भरता का उत्तमपुरुष चरित्र”
भारत भूमि ऐसे महान सपूतों से समृद्ध रही है जिन्होंने अपनी प्रतिभा, सादगी, मानवता और कर्मनिष्ठा से न केवल देश…
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संघ शताब्दी वर्ष – एक स्वर्णिम सौभाग्य
परमपूज्यनीय डाक्टर हेडगेवार जी ने वर्ष 1925 विजयादशमी के पावन अवसर पर जिस राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का शुभारंभ किया गया…
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“बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर का दर्शन: विचार और आचरण, समता-समानता का जीवन जीने की प्रेरणा व मार्ग, न कि राजनैतिक सत्ता पाने का हथियार”
भारतीय इतिहास में ऐसे कुछ ही महापुरुष हुए हैं जिनकी दृष्टि केवल एक युग तक सीमित नहीं रही, बल्कि कालजयी…
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का शताब्दी समारोह
दिनांक 01 अक्टूबर 2025 को महानवमी के पावन पर्व के दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने दिल्ली में अपना संघ शताब्दी…
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“आधुनिक रावणरूपी बुराइयाँ का वध: दहेजप्रथा, रिश्वतखोरी, नशाखोरी, लिंगभेद और जातिप्रथा से मुक्ति का पथ”
मानव इतिहास में बुराइयाँ हमेशा अच्छाई को चुनौती देती रही हैं। रामायण का रावण केवल एक व्यक्ति नहीं था, बल्कि…
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सोशल मीडिया का मायाजाल: डोपामाइन, आत्म-चेतना और FOMO की बढ़ती जकड़न और आत्म-स्वीकृति का संकट
21वीं सदी में मानव जीवन का सबसे बड़ा हिस्सा डिजिटल तकनीक और इंटरनेट से संचालित हो रहा है। आज के…
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समाज और सामाजिकता
आज समाज को समझने की जरूरत क्यों आ गई ये समझना होगा क्योंकि हम अपने उद्देश्य और कर्तव्य से भटकते…
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‘साइकिल से विकास का संकल्प: स्वच्छ भारत–स्वस्थ भारत के मार्ग पर डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा की अनूठी पहल’
भूमिका : विकसित भारत लक्ष्य–2047 की पृष्ठभूमि भारत आज जिस ऐतिहासिक संक्रमणकाल से गुजर रहा है, उसकी दिशा और दशा…
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साहसिक निर्णय और अद्भुत नेतृत्व – मोदी जी के 75 वर्ष
माना अंधेरा घना है लेकिन दिया जलाना कहाँ मना है… आज हम देश के प्रधानमंत्री, देश ही नहीं विश्व के…
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