लेख
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भारतीय वेशभूषा: पुरुषों का परित्याग और महिलाओं का संकोच — परंपरा, पहचान और पुरुषसत्ता का द्वंद्व
भारतीय वेशभूषा सदियों से केवल परिधान की अभिव्यक्ति नहीं रही है, बल्कि वह भारतीय संस्कृति, परंपरा, सामाजिक मूल्य और पहचान…
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“21वीं सदी में साक्षरता व सामाजिक न्याय: जीवन कौशल, रोजगारोन्मुखी शिक्षा एवं समतामूलक समाज की अनिवार्यता”
21वीं सदी में दुनिया तेजी से बदल रही है। विज्ञान, प्रौद्योगिकी और डिजिटल क्रांति ने जीवन के प्रत्येक क्षेत्र को…
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भविष्य निर्माता शिक्षक: बदलते युग में शिक्षण, मार्गदर्शन और राष्ट्र निर्माण की नई परिभाषा”
मानव सभ्यता के विकास में शिक्षा को आधारशिला माना गया है और इस शिक्षा की आत्मा शिक्षक होता है। शिक्षक…
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आपदा एक अवसर या चेतावनी
आज चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ है प्रकृति पूरे रौद्र रूप में है मानो अपने ऊपर हुए अत्याचार का एक…
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नेपोटिज़्म की गहराई: सफलता की बैसाखी बने–मां बाप
“नेपोटिज़्म की गहराई: सफलता की बैसाखी बने–मां बाप” विषय भारतीय समाज की उस हकीकत को उजागर करता है, जहाँ अवसरों…
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बृषभानु दुलारी श्री राधिकारानी राधाष्टमी पर्व पर विशेष
भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी को राधाष्टमी के नाम से मनाया जाता है। इस वर्ष यह 31 अगस्त…
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प्रकृति का प्रकोप
इस वर्ष पिछले एक माह में ही हिमालय पर्वतीय क्षेत्र की साया में बसे अनेक निकटवर्ती राज्यों में अत्यधिक वर्षा…
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मध्यमवर्गीय परिवारों को सुरक्षा प्रदान करेगा ऑनलाइन गेमिंग पर प्रतिबंध का नया कानून
संसद का मानसून सत्र वैसे तो विपक्षी दलों के हंगामे की बारिश में बह गया किंतु केंद्र सरकार ने इसमें…
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मैच पर मतभेद
आजकल अपने देश में पिछले कई दिनों से एशिया कप में भारत और पाकिस्तान के बीच 14 सितम्बर को प्रस्तावित…
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नेपोटिज़्म की गहराई: सफलता की बैसाखी बने–मां बाप
“नेपोटिज़्म की गहराई: सफलता की बैसाखी बने–मां बाप” विषय भारतीय समाज की उस हकीकत को उजागर करता है, जहाँ अवसरों…
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पुस्तकालय: ज्ञान व शोध के साथ-साथ समानता व समरसता का जीवंत केंद्र
पुस्तकालय का अर्थ केवल चार दीवारों में सीमित कोई हॉल नहीं है, जहाँ कुछ कुर्सियाँ, मेज, बल्ब और पंखे लगे…
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