शीत ऋतु के प्रभाव से बचाव हेतु सभी चिकित्सालयों को आवश्यक व्यवस्थाएं व्यवस्थित करने का निर्देश
डीके श्रीवास्तव
शीत ऋतु के प्रभाव से बचाव हेतु शासन द्वारा सभी चिकित्सालयों को आवश्यक व्यवस्थाएं व्यवस्थित करने का जारी किया दिशा निर्देश ।
सभी चिकित्सालयों में अंतः रोगियों हेतु रुम हीटर, वार्मर कम्बल की पर्याप्त व्यवस्था करने का निर्देश |
रोगियों एवं तीमारदारो हेतु शुद्ध पेयजल की उचित व्यवस्था करने का निर्देश ।
आगरा। सचिव उत्तर प्रदेश शासन ने शीत ऋतु को देखते हुए चिकित्सालयों में रोगियों तथा भर्ती अंतः रोगियों को शीत के प्रभाव से बचाने के लिए दिशा निर्देश जारी किये है। तापमान में कमी से अनेक प्रकार के रोगों की सम्भावना बढ़ जाती है साथ ही हर्दय रोगियों श्वसनतंत्र रोगियों, वृद्ध व्यक्तियों, नवजात शिशु को भी अतिरिक्त सावधानी की आवशयकता होती है। इन परिस्थितीयो में सभी स्तर के चिकित्सालयों में रोगियों एवं उनके तीमारदारों को ठण्ड से बचाने हेतु अतिरित्क्त व्यवस्था की भी आवशयकता होती है जिसके लिए सभी चिकित्सालयों में अंतः रोगियों हेतु वाईस में रूम हीटर, वार्मर, कम्बल इत्यादि की पर्याप्त व्यवस्था की जाये। दरवाजे, खिड़कियों इत्यादि की मरम्मत की आवशयकता होने पर प्राथमिकता के आधार पर मरम्मत करायी जाए ताकि ठंडी हवा के संचरण को रोका जा सके। तीमारदारों के विश्रामग्रह, रैन बसेरों में रूम हीटर, वार्मर, कम्बल और अलाव की व्यवस्था की जाये । समस्त चिकित्सालयों के प्रभारी सुनिश्चित करेंगे कि एक टीम कर ले जो रात्रि 8 बजे, 11 बजे तथा प्रातः 6 बजे रोस्टर बनाकर स्वयं तथा टीम के सदस्यों द्वारा पुरे चिकित्सालय परिसर का दौरा करने की व्यवस्था की जाये ताकि शीत के प्रभाव के कारण चिकित्सालय परिसर में किसी रोगी अथवा तीमारदार को किसी प्रकार की हानि न हो ।
एस.एन.सी.यू. में स्थापित सभी वार्मर्स की क्रियाशीलता सुनिश्चित कर ली जाये, श्वसन रोगियों की संख्या तथा तीव्रता में वृधि की सम्भावना के अनुरूप श्वसनतंत्र से सम्बंधित आवश्यक ओषधियों इत्यादि की व्यवस्था सुनिश्चित कर ली जाये | चिकित्सालयों में अंतः रोगियों के लिए पर्याप्त संख्या में नेबुलाईजर मशीन तथा नेबुलाईजेशन हेतु आवश्यक ओषधियो की व्यवस्था सुनिश्चित कर ली जाये । अनेक बार शीत काल में मानसिक रोगों यथा अवसाद इत्यादि के रोगियों की संख्या में वृधि देखी जाती है अतः इस प्रकार के रोगियों को जनपद स्तरीय चिकित्सालयों में परामर्श हेतु संदर्भन एवं आवश्यक ओषधियो यथा डिप्रेसंट इग्स इत्यादि की उचित व्यवस्था कर ली जाये ।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी, आगरा |