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सारा जगत है मेरे भोले बाबा की शरण में - इस शिवरात्रि ज्योतिर्लिंग पर चढ़ाएं श्रद्धा के फूल

डॉ शिल्पा जैन

महाशिवरात्रि हिंदुओं के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है 2023 में महाशिवरात्रि का त्यौहार 18 फरवरी को मनाया जाएगा शिव भक्तों को इस दिन का बहुत इंतजार रहता है इस दिन देवों के देव महादेव और मां पार्वती की श्रद्धा पूर्वक पूजा आराधना की जाती है भगवान शिव को खुश करने के लिए आज के दिन तरह-तरह के उपाय किए जाते हैं। महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और पार्वती मां का विवाह हुआ था फागुन मास की कृष्ण पक्ष कि चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व आता है। 2023 के महाशिवरात्रि में अद्भुत संयोग बन रहा है पहला यह कि शनिवार के दिन शिवरात्रि पढ़ने से शनि प्रदोष का संयोग बन रहा है शनि प्रदोष का योग होने से संतान कामना की पूर्ति होती है इसलिए यह व्रत पुत्र दायक माना गया है दूसरा इसी दिन स्वार्थ सिद्धि योग भी पड़ रहा है स्वार्थ सिद्धि योग से कोई भी कार्य करने से पूर्ण सिद्धि प्राप्त होती है वहीं तीसरा इस बार 30 वर्षों के बाद सूर्य और शनि यानी पिता-पुत्र कुंभ राशि में गोचर कर रहे हैं इसलिए  इस बार जो भी भोलेनाथ का श्रद्धा पूर्वक पूजा करेगा उसे सूर्य और शनि की कृपा एक साथ प्राप्त होगी। 18 फरवरी शनिवार को प्रदोष व्रत भी रखा जाएगा 18 फरवरी शनिवार रात 8:02 से चतुर्दशी तिथि प्रारंभ होगी और 19 फरवरी रविवार को 4:18 शाम को समाप्त होगी 18 फरवरी को व्रत रखा जाएगा एवं 19 फरवरी को सिर्फ जलाभिषेक करना शुभ होगा।
प्रथम प्रहर 18 फरवरी शाम 6:20 से 9:30 रात तक रहेगी 
द्वितीय प्रहर 9:30 से रात्रि 12:40 तक तृतीय प्रहर 19 फरवरी रात्रि 12:40 से 3:50 मिनट तक रहेगा चतुर्थ प्रहर सुबह 3.50 से 7.00 तक रहेगा।
प्रथम प्रहर में दूध से अभिषेक करें द्वितीय प्रहर में दही से अभिषेक करें तृतीय प्रहार में शहद से अभिषेक करें और चतुर्थ प्रहर में घी से अभिषेक करें।
शिवरात्रि व्रत पर गाय के दूध से शिवजी का अभिषेक करने से पुत्र की प्राप्ति होती है गन्ने के रस से अभिषेक करने से लक्ष्मी की कृपा प्राप्ति होती है शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की विशेष पूजा करने से कालसर्प दोष से भी मुक्ति प्राप्ति होती है।
जिनकी भी शनि की साढ़ेसाती या ढैया चल रही है विशेष रूप से आज शिवजी की पूजा करें। काले तिल को जल में मिलाकर भगवान शिव का जलाभिषेक करने से शनि के कुप्रभाव से मुक्ति मिलती है। महाशिवरात्रि पर पीपल के पेड़ में जल चढ़ाएं और उसकी जड़ में 5 मिष्ठान चढ़ाएं ऐसा करने से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से राहत मिलती है।
मान्यता है कि भगवान शिव पर गंगा जल अर्पित करना बेहद शुभ होता है पौराणिक कथाओं के अनुसार समुद्र मंथन के बाद जो विष निकला था उसे भगवान शिव ने अपने कंठ में समाहित कर लिया था इसलिए उन्हें नीलकंठ भी कहा जाता है विष के प्रभाव को कम करने के लिए देवी देवताओं ने उन पर जल चढ़ाया था इसके बाद ही शिवलिंग पर जल चढ़ाने की प्रथा शुरू हो गई है भगवान शिव के जटा में मां गंगा विराजमान है इसलिए गंगाजल को ही शिवलिंग पर चढ़ाने के लिए सर्वश्रेष्ठ जल माना गया है।
जिन लोगों को हमेशा कोई ना कोई मानसिक चिंता घेरे रहता है या फिर डिप्रेशन की समस्या है उन्हें महाशिवरात्रि पर देवों के देव महादेव के पहले ज्योतिर्लिंग यानी सोमनाथ शिवलिंग की पूजा अवश्य करनी चाहिए। जिंदगी भी कुंडली में चंद्रमा नीच राशि में है या अस्त है उन्हें चंद्रमा के दोष को दूर करने के लिए महाशिवरात्रि के दिन प्रदोष काल में सफेद वस्त्र पहनकर विशेष रूप से सोमनाथ शिवलिंग की साधना करनी चाहिए। सोमनाथ शिवलिंग की साधना हमेशा सफेद वस्त्र धारण करके करना चाहिए साथ ही साथ सफेद मिठाई का भोग लगाना चाहिए।
शास्त्र के अनुसार अगर जन्म कुंडली में बुध की स्थिति ठीक नहीं है या चर्म रोग है याद आ तो संबंधित बीमारियां हैं तो इससे बचने के लिए महाशिवरात्रि पर विधारा जो कि एक विशेष प्रकार की जड़ी-बूटी होती है उसके रस से शिवलिंग का अभिषेक करें।
इनकी कुंडली में शुक्र कमजोर है या कमजोरी है या ठंड से संबंधित बीमारियां है या वैवाहिक जीवन में उतार-चढ़ाव है तो आज के दिन पंचामृत से शिवलिंग का अभिषेक करें।
कुंडली में सूर्य पीड़ित है हाई ब्लड प्रेशर है दिलवा आंखों से जुड़ी बीमारी है तो इसका प्रभाव कम करने के लिए महाशिवरात्रि के दिन शुद्ध जल से शिवलिंग का अभिषेक करें।
जिनकी कुंडली में चंद्रमा नीच का है या सर्दी अस्थमा आंखों से संबंधित बीमारियां है तो चंद्रमा को मजबूत करने के लिए महाशिवरात्रि के दिन कच्चे दूध में काले तिल डालकर शिवलिंग का अभिषेक करें।
जिनकी भी कुंडली में शनि नीच का है या हड्डियां या स्नायु तंत्र से जुड़ी बीमारियां है उन्हें आज के दिन गन्ने के रस से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए।
जीवन में बार-बार दुर्घटना के योग बनते हैं उन्हें आज के दिन भांग या नागकेसर से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए।
कुंडली में शुगर या डायबिटीज और गुप्तांग से संबंधित रोग है उन्हें आज के दिन शिवलिंग पर सरसों के तेल से अभिषेक करना चाहिए।
कुंडली में मंगल अशुभ स्थिति में है खूनिया पेट से संबंधित बीमारियां हैं अत्यधिक क्रोध है उन्हें आज के दिन गिलोय की बूटी के रस से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए।
कुंडली में गुरु नीच गए हैं पेट या फिर से संबंधित बीमारियां हैं उन्हें आज के दिन दूध में पीले फूल मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए। शिवरात्रि के दिन जो भी रात्रि में ज्योतिर्लिंग की पूजा करता है उसे अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है।
भगवान शंकर को काला रंग बिल्कुल पसंद नहीं अतः महाशिवरात्रि के दिन काले रंग के कपड़े पहनना वर्जित बताया गया है खासकर जो लोग इस दिन व्रत रखते हैं उन्हें काला या किसी भी प्रकार का गहरे रंग का कपड़ा बिल्कुल नहीं पहनना चाहिए शिवरात्रि के दिन हरे रंग का कपड़ा पहनना बहुत शुभ माना जाता है भोलेनाथ की पूजा में हरे रंग के इस्तेमाल से भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं हरे रंग की सूती कपड़ों के अलावा इस दिन लाल सफेद पीला कपड़ा पहनना बहुत शुभ होता है। शिवजी की पूजा करते समय हमारा मुंह पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए इससे शुभ फलों की प्राप्ति होती है शिवलिंग की कभी पूरी परिक्रमा नहीं करनी चाहिए क्योंकि जलाधारी को कभी इलांगा नहीं जाता ऐसा करना महापाप बना गया है शिवजी की पूजा में कभी भी कटे-फटे या मुरझाए हुए फूल पत्ते नहीं जलाना चाहिए हमेशा ताजे फूलों से ही शिवजी की पूजा करनी चाहिए बिल्व पत्र का उपयोग कई बार कर सकते हैं यदि एक बार चढ़ाया गया बिल्वपत्र धोकर दोबारा शिवजी को अर्पित किया जा सकता है। जी का अभिषेक शंख से भूलकर भी नहीं करना चाहिए। शिवजी की पूजा में जिन चीजों का उपयोग किया जाता है जैसे फूल पत्ती त्यागी पूजा के पश्चात सम्मान पूर्वक इसे नदिया किसी तालाब में प्रवाहित कर दें।
महाशिवरात्रि के दिन मिट्टी के लोटे में या फिर तांबे के लोटे में पानी या दूध भरकर ऊपर से बेलपत्र आक धतूरे के फूल चावल आदि डालकर शिवलिंग पर अर्पित करना चाहिए। अगर आसपास कोई शिव मंदिर नहीं है तो आप घर में ही मिट्टी का शिवलिंग बनाकर उसकी पूजा कर सकते हैं आज के दिन शिव चालीसा शिव पुराण का पाठ और महामृत्युंजय मंत्र का पाठ अवश्य करें महाशिवरात्रि के दिन रात्रि जागरण का भी विधान है।
इस दिन शिवलिंग पर चंदन लगाना बहुत ही शुभ माना जाता है भोलेनाथ को चंदन अत्यंत प्रिय है शिवलिंग पर चंदन लगाने से भोलेनाथ की कृपा प्राप्त होती है और तरक्की के नए रास्ते खुलते हैं। शिवलिंग पर त्रिपुंड तिलक लगाया जाता है जिसमें तीन रेखाएं की जाती है फिर ओम नमः शिवाय बोलते हुए ललाट गर्दन भुजाएं पर भस्म लगाना चाहिए।
शिवजी की पूजा करते समय शिवलिंग पर बेर, आम केला धतूरे का फल चढ़ाया जाता है भूलकर भी पूजा में नारियल नहीं चढ़ाना चाहिए ना ही नारियल के पानी से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए नारियल की साथी साथ शिवलिंग पर कभी भी केतकी के फूल तुलसी पत्ता कुमकुम और सिंदूर आदि भी नहीं चढ़ाना चाहिए।
कुछ भक्त निर्जल उपवास रखते हैं वही कुछ भक्त इस दिन फलाहार पर रहते हैं मान्यता के अनुसार अगर आपने निर्जल व्रत रखा है तो पूरा दिन जल की एक बूंद भी नहीं लेनी है एवं अगर फलाहार उपवास रखा है तो फल का सेवन कर सकते हैं महाशिवरात्रि की व्रत में दाल चावल गेहूं या कोई भी साबुत अनाज और सादा नमक का उपयोग नहीं करना चाहिए सेंधा नमक का इस्तेमाल कर सकते हैं।
महाशिवरात्रि के उपवास को खोलते समय साबूदाना की खिचड़ी सिंघाड़े का हलवा कुट्टू के आटे की पूरी सामा के चावल आलू का हलवा खा सकते हैं।
आज के दिन अपने घर में या मंदिर में रुद्राभिषेक कराना भी बहुत ही शुभ माना गया है
ओम नमः शिवाय भगवान शिव को प्रसन्न करने का यह सबसे सरल मंत्र है इस मंत्र के जाप से भगवान जल्द ही प्रसन्न होते हैं शिवजी की पूजा के दौरान और जलाभिषेक करते वक्त इस मंत्र का उच्चारण किया जाता है भगवान शिव के इस मंत्र का 108 बार जाप करना भी काफी लाभदायक होता है।
अकाल मृत्यु को टालने के लिए और गंभीर बीमारियों के चुंगल से छुटकारा पाने के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप भी बहुत ही फलदाई होता है शिवलिंग पर जल और पुष्प चढ़ाते समय महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना बहुत ही फलदाई होता है। शिव पंचाक्षर स्तोत्र मंत्र की रचना गुरु शंकराचार्य ने की थी शिव पंचाक्षर स्तोत्र मंत्र का जाप करने से भगवान शिव जल्द ही प्रसन्न होते हैं।
  इस महाशिवरात्रि मे आपकी पूजा से भोलेनाथ खुश हो एवं आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी करें यही प्रार्थना है,🙏
 

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