ऑटो के इतने चालान की चालक को आ गया हार्ट अटैक, मौके पर मौत
एटा। यातायात कानूनों की मार ऑटो चालक पर ऐसी पड़ी कि उसकी जान चली गई। यातायात नियम सिखाने की जिम्मेदारी थी या गरीब ऑटो चालक की जान लेने की सनक, जो एक के बाद एक लगातार 65 चालान काट डाले। 2023 में 38 तो इस साल अब तक 13 चालान काटे गए। सभी चालान की धनराशि 34000 हजार रुपये है। जबकि वकील का खर्चा अलग। आखिर कहां तक गरीब चरन सिंह चालान भरते। इन्हीं चिताओं में वह घुल गए और हृदयाघात से जान चली गई। चरन सिंह की कमाई का जरिया केवल यही ऑटो था और वह घर में कमाने वाले अकेले व्यक्ति थे। दो पुत्र और एक पुत्री है। तंगी के हालात में भी तीनों बच्चों की पढ़ाई करा रहे थे। यही चाह थी कि जो वो न कर सके, शायद बच्चे कर जाएं। पढ़-लिखकर कहीं नौकरी लगे या अच्छा काम-धंधा कर लें, जिससे कि उन्हें वो सब दिक्कतें न हों जो चरन सिंह सह रहे थे। सबसे बड़े पुत्र आकाश ने बताया कि पिछले महीने पुलिस ने ऑटो पकड़कर सीज कर दिया था। इसे एक सप्ताह पहले ही अदालत से आदेश कराकर छुड़वाया। जिसमें काफी रुपये खर्च हो गए। दो दिन पहले पुलिस ने फिर ऑटो पकड़कर खड़ा करा लिया। पिता जी चिंता में थे कि अब फिर इतने रुपये कहां से आएंगे। इसी उधेड़बुन में वकील से परामर्श करने जा रहे थे और हृदयाघात पड़ गया। इन गरीब चालकों की न तो कोई सामाजिक, राजनीतिक पहुंच होती है और न ही अधिकारी उनकी बात सुनने को तैयार होते हैं।