हाथरस हादसा: पुलिस ने दिखाई होती डग्गेमार वाहनों पर सख्ती तो शायद नहीं बुझते इतने घरो के चिराग
आगरा। हाथरस में हादसा हुआ 18 की जान चली गई आगरा खंदौली क्षेत्र के गाँव सेमरा से एक ही परिवार के 35 लोग मैक्स पिकअप लोडर से सासनी अलीगढ़ तक गए थे। नेशनल हाईवे पर वाहन चला। तीन जिले पड़े। पहले आगरा उसके बाद हाथरस फिर अलीगढ़। तीनों में से किसी भी जिले की पुलिस ने इस वाहन चालक को नहीं टोका। जबकि अलीगढ जाते समय सबसे पहले गोविंदपुर पर चेक पोस्ट पड़ता है उसके बाद टोल पर पुलिस पर किसी भी पुलिसकर्मी ने यह नहीं कहा कि लोडर में इतने लोगों को लेकर क्यों चल रहा है। सरकार गंभीर है। हादसों की संख्या के ग्राफ को कम करने पर जोर है। सड़क सुरक्षा के नाम पर बार-बार अभियान चलाए जाते हैं। यह अभियान ऐसे हादसों के बाद महज खानापूरी लगते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि नियम तो बहुत सख्त हैं मगर उनका पालन नहीं होता है। सभी नियमों के तोड़ खोजे जाते हैं। सवारी वाहनों के चालक अपनी कमाई के लिए ओवरलोडिंग करते हैं। यह डग्गेमारी सब पर भारी है। जुगलबंदी से चल रही है। हर उस चौराहे और तिराहे की पुलिस को जानकारी हैं जहां से इग्गेमार वाहन चलते हैं। ऐसा ही हाल लोडर वाहनों का है। वे सामान ले जा सकते हैं। सवारियां लेकर चल रहे हैं। लापरवाही की हद तो देखिए। इतना सब कुछ होने के बाद भी गमी में शामिल होने बड़ी संख्या में शनिवार को लोग लोडर वाहनों से ही पहुंच रहे थे। शनिवार को सैमरा में कई महिलाएं विक्रम टेंपो से उतर रही थीं। उनसे पूछा गया कि सवारी वाहन से क्यों नहीं आई। तो उनका जबाब मिला काम पैसों में कोई दूसरा वाहन नहीं मिला।