एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट शीघ्र लागू किया जाए: सरोज यादव
आगरा। हाल ही के दो तीन वर्षों में अधिवक्ता भाई बहनों पर एक बाद एक तमाम हमले किए गए हैं। अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। अधिवक्ता सरोज यादव का कहना है कि यदि समाज के बदमाश तत्वों द्वारा वकील समुदाय को टारगेट करके ऐसे ही जानलेवा हमले और हत्याएं होती रहीं तो न्याय का रथ का एक पहिया टूट जायेगा। वकालत के प्रोफेशन में लोग आने से बचेंगे। उन्होंने मांग की है कि कौशाम्बी के अधिवक्ता छविराम के उपर जानलेवा हमले करने वाले शीघ्र गिरफ्तार किए जाएं और कासगंज की महिला वकील मोहिनी की हत्या के मामले की सच्चाई उजागर कर न्याय दिलाने के लिए यह आवश्यक है कि पूरे मामले की उच्च स्तरीय सीबीआई जांच कराई जाए। उन्होंने कहा कि चूंकि रिपोर्ट में अधिवक्ता नामजद किए गए हैं इसलिए आवश्यक हो जाता है कि जांच निष्पक्ष एजेंसी द्वारा कराई जाय और अपराध को कारित करने वाले वास्तविक दोषी अपराधियों को फांसी की सजा दिलाई जा सके। अधिवक्ता सरोज यादव का कहना है कि जब भी किसी अधिवक्ता से जुड़ा मामला होता है तो सरकार का रवैया बहुत ही उदासीन होता है। जबकि अधिवक्ता न्याय तंत्र का अभिन्न अंग है। वकील को आफिसर ऑफ द कोर्ट का दर्जा प्राप्त है ऐसे में सरकार के साथ ही साथ समूचे प्रशासनिक तंत्र को अधिवक्ता के प्रति अत्यधिक संवेदनशील होना चाहिए। उन्होंने मांग की है कि जब तक अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट लागू नहीं किया जाता तब तक अधिवक्ता आंदोलनरत रहेगा।