आगराउत्तर प्रदेश

गुरमत समागम में उमड़ा जन सैलाब, गुरबाणी की बही अमृत धारा, देशभर के विख्यात रागी जत्थे व प्रचारक हुए शामिल

आगरा। गुरुद्वारा गुरु का ताल में चल रहे 37 वे वार्षिक गुरमत समागम के दूसरे दिन आयोजित हुए कीर्तन दरबार में भारी संख्या में श्रद्धालुओं का जन सैलाब उमड़ा का नजर आया। गुरुद्वारा गुरु का लाल के मौजूदा मुखी संत बाबा प्रीतम सिंह जी ने बताया गुरुद्वारा गुरु का ताल की सेवा संभालते हुए इसे भव्यता प्रदान करने वाले संत बाबा साधू सिंह जी मौनी व बाबा निरंजन सिंह जी की याद में इस समागम का आयोजन किया जाता है। जठेदार बाबा राजेंद्र सिंह जी ने बताया समागम के दूसरे दिन दो कीर्तन दीवान सजाए गए ।जिसमें मुख्य रूप से रागी भाई अमनदीप सिंह जी हजूरी रागी दरबार साहिब अमृतसर, भाई हरजोत सिंह जख्मी जालंधरऔर जत्थेदार शामिल हुए। पहले दीवान की आरंभ बात सुबह जपजी साहब के पाठ के साथ हुई जिसके बाद एक के बाद एक रागी जत्थे कथा वाचक प्रचारक व कवि शामिल हुए। पहला दीवान सुबह 9:00 बजे से दोपहर 3:00 बजे तक चला। दूसरा दीवान की आरंभता शाम 6:00 बजे राहिरास साहब के पाठ के साथ हुई।यह दीवान रात्रि 1:00 बजे तक चला ।दीवान की अंत में आनंद साहिब का पाठ हुआ ।जिसके बाद समाप्ति अरदास व हुकुमनामे के साथ हुई।

श्रद्धा के साथ किया लंगर तैयार प्रेम के साथ किया वितरित

गुरुद्वारा गुरु का ताल में चल रहे समागम मैं आगरा व आसपास के क्षेत्र के अलावा उत्तराखंड और पंजाब से भी काफी संख्या में संगत प्रतिवर्ष यहां पहुंचती है ।यहां आने वाले सभी श्रद्धालुओं के लिए लंगर का विशेष इंतजाम किया गया है । गुरुद्वारा मैं कई वर्षों से लंगर की सेवा संभाल रहे बाबा अमरीक सिंह जी ने बताया कि कीर्तन समागम के दौरान 24 घंटे लंगर व चाय की सेवा जारी रहती है ।लंगर के साथ मिष्ठान मैं जलेबी व लड्डू वितरित किए जा रहे हैं ।हर चार से पांच घंटे बाद अलग व्यंजनों के साथ लंगर तैयार किया जा रहा है ।उन्होंने बताया कि इस समागम में मुख्य रूप से उड़द चने की दाल ,बेसन की कड़ी ,लौकी के कोफ्ते ,आदि तैयार किए गए हैं ।यह मौजूद विशाल जन सैलाब को देखते हुए लगभग 5 क्विंटल बेसन से कड़ी तैयार की गई है तो वही तीन क्विंटल लौकी के कोफ्ते बनाए गए हैं ।एक बार में दो क्विंटल से अधिक दाल व 3 क्विंटल से अधिक चावल तैयार किए जाते है । लंगर पूरी श्रद्धा के साथ संगत में वितरित किया जा रहा है ।जिसके लिए सितारगंज से विशेष रूप से भाई मंजसेवा समिति के 150 से अधिक सदस्य प्रतिवर्ष सेवा के लिए यहां आते हैं।

3 अक्टूबर को होगा अमृत संचार

गुरुद्वारा गुरु का ताल के मीडिया प्रभारी जसबीर सिंह ने बताया कि समागम की समाप्ति के दिन 3 अक्टूबर को सुबह गुरुद्वारा मंजी साहिब में अमृत संचार कराया जाएगा ।अमृत पान के लिए आने वाले सभी श्रद्धालुओं को ककार दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से ही उपलब्ध कराएं जाएंगे ।अमृत पान करने वाले श्रद्धालु सुबह केसी स्नान कर,स्वच्छ वस्त्र पहनकर गुरुद्वारा मंजी साहब में सुबह 9 बजे तक पहुंच जाए ।दिल्ली से आए पंज प्यारे यहां अमृत पान कराएंगे ।

यह रहे मौजूद

दलजीत सिंह सेतिया, उपेंद्र सिंह लवली, बॉबी वालिया, परमजीत सिंह सरना, चौधरी मनजीत सिंह, बिंदर सिंह, शेर सिंह महंत हरपाल सिंह जी, ग्रंथि अजैब सिंह टीटू ,ग्रंथि हरबंस सिंह ,ग्रंथी वीर सिंह, ग्रंथि सतवीर सिंह ग्रंथि हरनाम सिंह प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

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