सिंचाई विभाग के दो कर्मचायों को घूस लेते एंटी करप्शन ने किया गिरफ्तार

आगरा। नहर काटने का नोटिस भेजकर किसान को पहले डराया गया। मामला रफादफा करने के लिए सिंचाई विभाग के दो कर्मचारियों ने सात हजार रुपये घूस मांगी। सोमवार को घूस लेते समय एंटी करप्शन की टीम ने दोनों को रंगे हाथ पकड़ लिया। सिंचाई पर्यवेक्षक वनवीर सिंह और मुंशी तारा सिंह ने घूस मांगी थी। दोनों के खिलाफ थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है।
फतेहपुर सीकरी के गांव टीकरी निवासी किसान विष्णु सिंह ने एंटी करप्शन टीम को बताया कि पिछले साल वर्षों के चलते नहर किनारे के खेत जलमग्न हो गए थे। फसल खराब हो गई थी। रबी की फसल की तैयारी के लिए किसानों ने खेतों का पानी माइनर नहर में डाल दिया था। एक महीने पहले सिचाई विभाग ने उसे नहर काटने का नोटिस दिया। वह घबरा गया। कार्रवाई समाप्त कराने के लिए सिंचाई विभाग के कार्यालय गया। कई चक्कर काटे। सिंचाई विभाग के पर्यवेक्षक वनवीर सिंह और मुंशी तारा सिंह ने नोटिस समाप्त करने के एवज में उससे दस हजार रुपये की घूस मांगी। बिना रुपये लिए वे नोटिस खत्म करने को तैयार नहीं थे। परेशान होकर वह शिकायत करने आया है। शिकायत पर एंटी करप्शन टीम ने कार्रवाई की रूपरेखा तैयार की। इंस्पेक्टर संजय कुमार के नेतृत्व में टीम सोमवार को मंडी गुड़ स्थित नहर कोठी कार्यालय पर पहुंच गई। किसान विष्णु सिंह को लिफाफे में रिश्वत के सात हजार रुपये लेकर भेजा गया। दोपहर तीन बजे विष्णु सिंह ने कर्मचारियों को लिफाफा दिया। तभी टीम ने दोनों कर्मचारियों को दबोच लिया। दोनों ने शोर मचाया। एंटी करप्शन ने मुकदमा लिखाकर जेल भेजने की बात बताई तो दोनों गिड़गिड़ाने लगे। इंस्पेक्टर एंटी करप्शन संजय कुमार ने बताया कि आरोपित सिचाई पर्यवेक्षक वनवीर सिंह (मिढ़ाकुर) व मुंशी तारा सिंह (शिवनगर, शाहगंज) के खिलाफ किरावली थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा कराया गया है। दोनों आरोपित को मंगलवार को मेरठ एंटी करप्शन कोर्ट में पेश किया जाएगा।
मांगे थे दस हजार, सात हजार रुपये पर माने
किसान विष्णु सिंह से पहले दस हजार रुपये रिश्वत मांगी गई थी। जब उसने कई चक्कर लगाए और गरीबी का हवाला दिया तो कर्मचारियों ने उससे कहा कि सात हजार रुपये में काम कर देंगे। इससे एक रुपया भी कम नहीं लेंगे। नोटिस समाप्त हो जाएगा। नोटिस समाप्त नहीं हुआ तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सकती है। इस वजह से किसान विष्णु सिंह भयभीत था। उसे एक परिचित ने बताया कि रिश्वत मांगने वाले कर्मचारियों की शिकायत कर दे। इससे दूसरे किसानों का भी भला होगा।