सर्वोच्च न्यायालय के TET अनिवार्यता वाले निर्णय के विरुद्ध UTA का मजबूत विरोध: जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन

आगरा। यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन (UTA) के जिला एवं ब्लॉक इकाइयों के पदाधिकारियों एवं शिक्षक साथियों ने आज दोपहर 3:00 बजे जिलाधिकारी कार्यालय (कलेक्ट्रेट), आगरा में एकत्र होकर माननीय सर्वोच्च न्यायालय के 01 सितंबर 2025 के विवादास्पद निर्णय के विरुद्ध जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। इस निर्णय में RTE अधिनियम 2009 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों सहित सभी बेसिक शिक्षकों के लिए टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (TET) उत्तीर्ण करना अनिवार्य कर दिया गया है, जो लाखों शिक्षकों के लिए अन्यायपूर्ण एवं विधिक विसंगति से भरा है।
UTA के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री शिवराज सिंह सिकरवार के नेतृत्व में आयोजित इस कार्यक्रम में सैकड़ों शिक्षकों ने भाग लिया। प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी करते हुए सरकार से मांग की कि इस निर्णय पर तत्काल पुनर्विचार किया जाए। UTA प्रतिनिधिमंडल ने माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी एवं उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के नाम एक ज्ञापन जिलाधिकारी महोदय के प्रतिनिधि को सौंपा, जिसमें निम्नलिखित प्रमुख बिंदु उल्लिखित हैं:
1. विधिक विसंगति: NCTE की अधिसूचना (23.08.2010) के पैरा 4 के अनुसार, RTE से पूर्व नियुक्त शिक्षकों को TET से छूट है। सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय (सिविल अपील नं. 1385/2025, पैरा 217) इस प्रावधान का उल्लंघन करता है।
2. अनुभव की उपेक्षा: 15-25 वर्ष के अनुभवी शिक्षकों (आयु 45-55 वर्ष) को प्रतियोगी परीक्षा की मजबूरी अन्यायपूर्ण है, जो प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन है।
3. शिक्षा व्यवस्था पर प्रभाव: उत्तर प्रदेश में अकेले 2.5 लाख शिक्षक प्रभावित होंगे, जिससे निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का लक्ष्य बुरी तरह प्रभावित होगा।
4. पूर्व निर्णयों का हवाला: सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व फैसलों (जैसे अपील (सिविल) 4174-82/1995) के अनुसार, सेवा शर्तों में पूर्वव्यापी परिवर्तन कर्मचारियों के हितों के विरुद्ध अमान्य है।
ज्ञापन सौंपते हुए UTA के जिला अध्यक्ष राजकुमार सोलंकी एवं जिला महामंत्री देवेन्द्र कुमार कुशवाह ने कहा, “यह निर्णय शिक्षक समुदाय के सम्मान पर प्रहार है। UTA कानूनी एवं राजनीतिक स्तर पर इसकी लड़ाई लड़ रही है। हम सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ताओं से परामर्श ले रहे हैं और राष्ट्रीय स्तर पर एकजुट विरोध कर रहे हैं। TET पास शिक्षक भी सतर्क रहें, क्योंकि सरकार की नीतियां ‘फूट डालो, राज करो’ पर आधारित हैं।”
जिलाधिकारी महोदय ने ज्ञापन ग्रहण करते हुए आश्वासन दिया कि इसे उच्च अधिकारियों तक पहुंचाया जाएगा।
यूटा इस मुद्दे पर अडिग रहेगी और शिक्षकों के हितों की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेगी।
ज्ञापन देने वालों में देवेन्द्र कुमार कुशवाह, दिनेश चाहर, नृपेंद्र प्रताप सिंह, प्रदीप सिकरवार, रामप्रकाश चौधरी, अमित कुमार, अजीत सिंह, भोला गुर्जर, रवि सिंघल, नरेंद्र सिकरवार, रेखा चौधरी, रामनिवास, पूजा देवी, ज्योति कश्यप, रश्मि गोस्वामी, यश चौधरी, यनीश रावत, अजय ठाकुर, लेखराज सिंह, सहित सैकडों शिक्षक साथी उपस्थित रहे।



