उत्तर प्रदेशलखनऊ

प्रगतिशील कृषि से किसानों को लाभ

डॉ दिलीप अग्निहोत्री

लखनऊ। देश की कुल कृषि योग्य भूमि का ग्यारह प्रतिशत उत्तर प्रदेश में है, लेकिन इस भूमि से हम देश के बीस प्रतिशत खाद्यान्न का उत्पादन यूपी में होता हैं। उत्तर प्रदेश गेहूं,आलू, मटर,आम,आंवला, दुग्ध उत्पादन तथा गन्ना उत्पादन में प्रथम स्थान पर है।।कृषि विकास दर 8.6 प्रतिशत से बढ़कर 13.7 प्रतिशत हुई।
हर साल 4 करोड़ टन फल और सब्जियों के उत्पादन के साथ देश में पहला स्थान पर है।
पीएम कुसुम योजना से किसानों को 76189 सोलर पंपों का आवंटन
27 नवीन मंडी स्थलों का आधुनिकीकरण किया गया। ग्रामीण क्षेत्रों में 20 घंटे, तहसील क्षेत्रों में 22 घंटे बिजली मिलने से भी किसानों को लाभ हो रहा है। निजी नलकूप के बिजली बिलों में सौ प्रतिशत की छूट प्रदान की जा रही है। चौबीस घंटे में ट्रांसफार्म बदलने की व्यवस्था की गई।
प्रदेश में करीब सवा सौ चीनी मिलें क्रियाशील हैं। गन्ना किसानों को आठ वर्षों में करीब तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया गया है।
कृषि विकास दर करीब चौदह प्रतिशत रही। इससे प्रदेश के जीडीपी में करीब तीस की बढ़ोतरी हुई। सिंचाई क्षेत्र में व्यापक बढ़ोतरी हुई।
तेईस लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचाई की सुविधा मिली।राज्यपाल आनंदी बेन पटेल भी किसानों से प्रगतिशील कृषि पर अमल का आह्वान करती हैं। कृषि विज्ञान केंद्र बंजरिया में उन्होंने प्रगतिशील किसानों को संबोधित किया। कहा कि युवा पीढ़ी को कृषि क्षेत्र से जोड़कर देश को और सशक्त बनाया जा सकता है। आज नई पीढ़ी को हम सभी अपने अनुभव के आधार पर कृषि क्षेत्र से जोड़ सकते हैं।
जब देश का कृषि क्षेत्र सशक्त होगा तो उसका प्रभाव राष्ट्रव्यापी होगा। युवा पीढ़ी आज कृषि से जुड़कर कल के भारत को और मजबूत बनाने में अपना बेहतर योगदान दे सकती है।
बच्चों को पौष्टिक आहार देना चाहिए।
अमेरिकी सरकार लगातार भारत पर दबाव बनाने का प्रयास कर रही है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में आज स्वदेशी उत्पाद का बाजार बड़ा है। अमेरिका में गाय को मांस खिलाया जाता है, जबकि भारत में गाय हरा चारा खाती है। ऐसे में अमेरिका के डेयरी उत्पादन को लेकर भारत में लगातार प्रतिबंध लगाया जा रहा है। यही कारण है कि अमेरिका की तरफ से नाराजगी व्यक्त की जा रही है। कृषि के क्षेत्र में लगातार लोगों को नवाचार करने के साथ किसानों को सशक्त बनाने के लिए प्रयास किया जा रहा है। कृषि को सशक्त बनाने के साथ कृषि उत्पादों को बड़ा मंच दिया जाए, जिससे कि किसान संपन्न हो सके और कृषि क्षेत्र का विस्तार होगा।

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