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BrahMos Missile Testing: दुश्मन देश हो जाएं सावधान! सुखोई फाइटर जेट से दागी गई खास मिसाइल

सरकार ने बयान जारी करके कहा कि एसयू-30एमकेआई विमान के उच्च प्रदर्शन के साथ मिसाइल की विस्तारित रेंज क्षमता वायु सेना को एक रणनीतिक प्रसार प्रदान करती है।

भारतीय वायुसेना ने गुरुवार को  Su-30 MKI सुखोई फाइटर जेट से एक शिप को निशाना साधकर आसमान से दागी गई ब्रह्मोस मिसाइल के अधिक दूरी की क्षमता वाले वर्जन का सफल परीक्षण किया। सरकार ने बताया कि मिसाइल ने बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में मिशन उद्देश्यों को प्राप्त किया। चीन और पाकिस्तान द्वारा समय-समय पर की जाने वाली नापाक हरकतों के बीच इस मिसाइल का का परीक्षण किया गया है। यह ब्रह्मोस मिसाइल 400 किमी दूर समुद्र में लक्ष्य को भेदने की क्षमता रखती है। इस खास मिसाइल की टेस्टिंग के बाद दुश्मन देशों को भारत से सावधान रहने की जरूरत है, क्योंकि भारतीय वायुसेना की ताकत में और इजाफा हो गया है। 

बयान के अनुसार, ''भारतीय वायुसेना ने एसयू-30एमकेआई विमान से एक जहाज को निशाना साधकर आकाश से प्रक्षेपित ब्रह्मोस मिसाइल के अधिक दूरी की क्षमता वाले संस्करण का सफल परीक्षण किया।'' इसके साथ, वायुसेना ने बहुत लंबी दूरी पर जमीन या समुद्री लक्ष्यों के खिलाफ एसयू-30एमकेआई विमान से सटीक हमले करने के लिए महत्वपूर्ण क्षमता विस्तार प्राप्त कर लिया है। 

सरकार ने कहा, ''एसयू-30एमकेआई विमान के उच्च प्रदर्शन के साथ मिसाइल की विस्तारित रेंज क्षमता वायु सेना को एक रणनीतिक प्रसार प्रदान करती है और इसे भविष्य के युद्ध क्षेत्रों में प्रभुत्व दिखाने का मार्ग प्रशस्त करती है।'' बयान में कहा गया है कि इस उपलब्धि को हासिल करने में वायु सेना, नौसेना, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ), बीएपीएल तथा एचएएल के विशिष्ट और संयुक्त प्रयास कारगर रहे हैं। 

इसी साल मई में सुपरसोनिक मिसाइल के विस्तारित रेंज संस्करण का सुखोई लड़ाकू विमान से सफल परीक्षण किया गया था। रेंज को 290 किमी से बढ़ाकर 350 किमी किया गया था। मई में किया गया सफल परीक्षण पहला उदाहरण था जिसमें Su-30MKI फाइटर जेट से मिसाइल का परीक्षण किया गया था। ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल में पहले चरण के रूप में दो चरणों वाला ठोस बूस्टर इंजन लगा है जो इसे सुपरसोनिक गति तक ले जाता है।

                                                                   

दूसरा चरण लिक्विड रैमजेट इंजन है जो इसे क्रूज चरण में मच 3 (ध्वनि की गति से 3 गुना) गति के करीब ले जाता है। ब्रह्मोस मिसाइल को हवा, जमीन और समुद्री प्लेटफार्मों से लॉन्च किया जा सकता है। यह मिसाइल 'दागो और भूल जाओ' सिद्धांत पर काम करती है और पूरी उड़ान के दौरान एक उच्च सुपरसोनिक बनाए रखती है। मिसाइल के बारे में कहा जाता है कि इसमें लो रडार सिग्नेचर है।

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