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स्वास्थ्य केंद्रों पर होगी प्रत्येक गर्भवती की टीबी जांच : मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव

प्रदेश में प्रति वर्ष आठ हजार गर्भवतियों में टीबी के लक्षण पाए जाते हैं

आगरा।  राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने के लिए अब अन्य जांचों की तरह गर्भवती को टीबी की जांच भी जरूर करानी होगी l राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक अपर्णा यादव ने सीएमओ को गर्भवतियों की टीबी प्रबंधन  के लिए निर्देश दिए हैं l
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेश में प्रति वर्ष आठ हजार गर्भवतीयों में टीबी के लक्षण पाए जाते हैं l फरवरी 2022 में 15 से 49 वर्ष की युवती व महिलाओं के लिए सामूहिक टीबी प्रबंधन का फ्रेमवर्क तैयार किया गया था l उन्होंने बताया निर्देश दिया गया है कि आंगनबाड़ी केंद्र, हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर, सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर टीबी गर्भवतियों की सिंप्टोमेटिक स्क्रीनिंग कराई जाएगी l
डॉ. अरुण श्रीवास्तव  ने बताया कि सिंप्टोमेटिक स्क्रीनिंग के तहत गर्भवतियों को देखा जाए कि उनको दो सप्ताह से खांसी तो नहीं l दो सप्ताह से बुखार, लगातार वजन कम होने व रात में पसीना आने जैसे लक्षण मिलने पर उन्हें टीबी जांच केंद्रों पर रेफर किया जाएगा | इसकी समीक्षा एचआईएमएस व नि:क्षय पोर्टल पर दर्ज होगी l इस तरह के लक्षण दिखाई दे तो अपनी जांच अवश्य करवाएं l समय से उपचार शुरू करके शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ हो सकते हैं 

जिला समन्वयक कमल सिंह ने बताया कि निर्देश के अनुसार कार्य किया जा रहा है l गर्भवती की जांच के पश्चात टीबी की पुष्टि होती है तो तुरंत उपचार शुरू कर दिया जाएगा और नि:क्षय पोषण योजना से भी जोड़ दिया जाएगा l  हेल्थ विजिटर की निगरानी में दवाओं के साथ निःशुल्क उपचार से पिछले पांच वर्षों में करीब 55682 से अधिक क्षय रोगी स्वस्थ्य हो चुके हैं।

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