अभी और मचेगी तबाही, रूस के खिलाफ युद्ध में यूक्रेन को एडवांस मिसाइल सिस्टम HIMARS दे रहा अमेरिका
रूस-यूक्रेन युद्ध और भी ज्यादा घातक होने वाला है क्योंकि अमेरिका अपना सबसे एडवांस मिसाइल सिस्टम HIMARS यूक्रेन को दे रहा है। इसका इस्तेमाल अमेरिका ISIS और इराक के खिलाफ कर चुका है।
यूक्रेन में लगभग सौ दिनों से जारी युद्ध अब और विकराल रूप धारण कर सकता है। जमीन पर जारी युद्ध अब हवाई युद्ध में तब्दील हो सकती है क्योंकि अमेरिका अपना सबसे एडवांस रॉकेट लॉन्चर यूक्रेन को दे रहा है। अगर ऐसा होता है तो युद्ध और भीषण रूप ले लेगा क्योंकि रूस अबतक इस युद्ध में भारी रहा है, लेकिन अमेरिका की सहायता से यूक्रेन रूस के खिलाफ घातक हमला कर सकता है। अमेरिका जो रॉकेट लॉन्चर सिस्टम यूक्रेन को दे रहा है वो उसका इस्तेमाल तालिबान और ISIS के खिलाफ कर चुका है।
इस रॉकेट लॉन्चर सिस्टम का नाम है HIMARS. इसकी खासियत ये है कि ये एक मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम है। ये एक मोबाइल यूनिट है जो एक साथ कई सटीक-निर्देशित मिसाइलों को लॉन्च कर सकती है। इसकी रेंज और सटीक टार्गेट हिटिंग की वजह से HIMARS को दुनिया में सबसे एडवांस रॉकेट लॉन्चर सिस्टम माना जाता है। अमेरिका यूक्रेन को M142 HIMARS सिस्टम दे रहा है। इसमें MLRS का एडवांस वर्जन है जो 1970 के दशक में अमेरिका और दूसरे देशों के लिए विकसित किया गया था।
HIMARS अमेरिका के अलावा NATO सदस्य पोलैंड और रोमानिया के पास मौजूद है। HIMARS में छह 227 मिमी टार्गेट मिसाइलों का प्रीलोडेड पॉड है। इसकी तुलना में, M270 में दो पॉड हो सकते हैं। HIMARS बिना सहायता के पॉड हटा सकता है और कुछ ही मिनटों में एक नया लोड कर सकता है। HIMARS आर्मी टैक्टिकल मिसाइल सिस्टम (ATACMS) और टैक्टिकल मिसाइल से भरी एक बड़ी पॉड ले जा सकता है। वाशिंगटन यूक्रेन को ATACMS प्रदान नहीं कर रहा है जिसकी सीमा 300 किलोमीटर है। ये मिसाइलें 50 मील (80 किमी) दूर रूसी लक्ष्यों को मार सकती हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका ने HIMARS को अफगानिस्तान के कंधार में तालिबान के खिलाफ तैनात किया गया था। रिपोर्ट के अनुसार, HIMARS कंधार में नाटो के हमले में सहायता कर रहा था और तालिबान कमांडरों के ठिकानों को निशाना बना रहा था। बताया जाता है कि HIMARS के हमलों की वजह से ही आतंकियों को अस्थायी रूप से पाकिस्तान भागने के लिए मजबूर होना पड़ा। नवंबर 2015 में अमेरिकी सेना ने खुलासा किया था कि उन्होंने इराक में HIMARS को तैनात किया था। अमेरिकी सेना के मुताबिक 2015 की गर्मियों की शुरुआत के बाद से HIMARS ने इस्लामिक स्टेट पर कम से कम 400 रॉकेट दागे थे।