शिक्षा

मायगोव कैंपस अंबेसडर कार्यक्रम में विश्वविद्यालय रहा प्रथम स्थान पर, कन्हैया ने प्राप्त किया विशिष्ट सम्मान

आगरा: डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय ने केंद्र सरकार के माय जीओवी (माय गोव) के 10 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित मायगोव कैंपस अंबेसडर कार्यक्रम में देशभर में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। यह उपलब्धि विश्वविद्यालय के पालीवाल पार्क परिसर में संचालित पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग में बीए कला तृतीय सेमेस्टर के छात्र कन्हैया कुमार ने प्राप्त की है। कन्हैया कुमार के उत्कृष्ट योगदान के लिए केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री जितिन प्रसाद ने दिल्ली में 26 जुलाई को हुए कार्यक्रम में शील्ड देकर सम्मानित किया।
विश्वविद्यालय ने शारदा यूनिवर्सिटी और महावीर तीर्थंकर विश्वविद्यालय को पीछे छोड़कर प्रथम स्थान प्राप्त किया। कार्यक्रम मायगव के 10 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था, जिसमें कन्हैया को मायगोव कैंपस एंबेसडर प्रोग्राम के अंतर्गत देश में प्रथम पर आने पर यह सम्मान दिया गया और उनके अथक प्रयास और समर्पण की सराहना की।
विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान के छात्र कन्हैया कुमार ने बताया कि कि कोविड-19 के दौरान ही मैंने अपनी मित्र मंडली के साथ विभिन्न सामाजिक और शैक्षिक गतिविधियों में अपनी सक्रिय सहभागिता निभाना प्रारंभ कर दिया था। मायगव’ कैंपस एंबेसडर प्रोग्राम के तहत विद्यार्थियों और युवाओं को सरकारी योजनाओं व नीतियों के प्रति जागरूक किया। साथ ही सड़क सुरक्षा जागरूकता, पौधारोपण, युवा संवाद कार्यक्रम और विभिन्न ऑनलाइन सेमिनारों का भी आयोजन किया। यह मेरे लिए अत्यंत गर्व का क्षण है कि मैं अपने विश्वविद्यालय के लिए यह सम्मान जीत पाया।
मायगव’ कैंपस एंबेसडर प्रोग्राम के तहत मैंने सीखा कि कैसे हम सभी मिलकर समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। कन्हैया ने बताया कि मायगव, सरकार और नागरिकों के बीच संवाद स्थापित करने का एक महत्वपूर्ण मंच है, जिसने पिछले 10 वर्षों में नागरिकों को नीति निर्माण और शासन में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रोत्साहित किया है। इसके अंतर्गत होने वाले कार्यक्रमों में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों व नेताओं ने प्रतिभाग कर देश के भविष्य पर चर्चा की। इससे पहले भी कन्हैया कुमार अपने मित्र रोहित माहौल के साथ केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अमृत जेनेरेशन कार्यक्रम में क्या सोचता है युवा कार्यक्रम के अंतर्गत 20 युवाओं के दल में प्रतिभाग कर चुके हैं, जिसमें उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलने और दिल्ली में सात दिन तक रुककर विभिन्न मंत्रियों से मिलकर चर्चा करने, विभिन्न सेमिनार मे प्रतिभाग करने का अवसर मिला। जी-20 कार्यक्रम में भी उन्हें प्रतिभाग का अवसर मिला। उनकी सफलता पर विश्वविद्यालय की माननीय कुलपति प्रो. आशु रानी ने उन्हें बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान के विभागाध्यक्ष व बीए आर्ट्स कोऑर्डिनेटर प्रो यूसी शर्मा ने बताया कि कन्हैया कुमार ने इस सम्मान ने सिद्ध कर दिया है कि समर्पण, कड़ी मेहनत और सेवा भाव से कोई भी व्यक्ति असाधारण उपलब्धि प्राप्त कर सकत है। उनकी सफलता अन्य युवाओं को प्रेरित करेगी।
चॉक आर्टिस्ट हैं रोहित माहौर
सिर्फ कन्हैया ही नहीं, उनके मित्र रोहित माहौल भी विशेष हैं। उनकी विशेषता चॉक आर्ट है, जिसके वह ब्लैक बोर्ड पर लिखने में प्रयोग होने वाली चॉक पर विभिन्न कलाकृतियां बनाते हैं। इसके लिए भी उन्हें कई बार सम्मानित किया जा चुका है।

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